________________ श्रीमच्चंद्रप्रज्ञप्तिसूत्रं : प्रा० 10 प्रा० 22 ] [ 285 // अथ दशमप्राभृते द्वाविंशतितमं प्राभृतप्राभृतम् // ___ता कहं ते नक्खत्तविचए पाहिएति वएजा ? ता अयगणं जंबुद्दीवे दीवे जाव परिक्खेवेणं पराणत्ते 1 / ता जंबुद्दीवे णं दीवे दो चंदा पभासेंसु वा, पभासेंति वा, पभासिस्संति वा २।दो सूरिया तर्विसु वा तवेंति वा तविसति वा 3 / छप्पराणे नक्खत्ता जोयं जोइंसु वा जोइंति वा जोइस्संति वा, तंजहा-दो अभिई, दो सवणा दो धणिट्टा, दो सयभिसया, दो पुव्वापोट्टवया दो उत्तरापोट्टवया, दो रेवई, दो अस्सिणी दो भरणी, दो कत्तिया, दो रोहिणी, दो संगणा, दो श्रद्दा, दो पुणव्वसू, दो पुस्सा, दो असिलेसा, दो पुव्वाफग्गुणी, दो उत्तराफरगुणी, दो हत्था दो चित्ता, दो साई दो विसाहा, दो अणुराहा, दो जेट्ठा दो मूला, दो पुव्वासाढा दो उत्तरासाढा 4 / ता एएसिं णं छप्पराणाए नक्खत्ताणं अस्थि णवखत्ता जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति 5 / अस्थि नक्खत्ता जे णं पराणरस मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अस्थि नक्खत्ता जे णं तीसमुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अस्थि णक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति 6 / ता एएसि णं छप्पराणाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता जे णं णवमुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहृत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं परणरसमुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ?, कयरे णक्खत्ता जे णं तीसं मुहत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ? कयरे णक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ? ता एएसि णं छप्पराणाए णक्खत्ता णं तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं दो अभिई ७।तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं पराणरसमुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस तंजहा-दो सगभिसया, दो भरणी, दो श्रद्दा, दो