________________ 234 ) / श्रीमदागमसुधासिन्धुः / सप्तमो विभाग कायंसि विद्धंसइ, एगे एवमाहंसु 4, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरस्थिमायो लोयं तायो पायो सूरिए पुढविश्रो उत्तिटुइ, से णं इमं तिरियं लोयं करेइ करित्ता पचत्थिमंसि लोयंतसि सायं सूरिए पुढविकायं अणुपविसइ 2 अहे पडियागच्छइ 2 पुणरवि अवरभूपुरस्थिमायो लोयंताश्रो पात्रो सूरिए पुढवियो उत्तिट्टइ, एगे एवमाहंसु 5, एगे पुण एवमाहंसु ता पुरस्थिमिल्लायो लोयंतायो पात्रो सूरिए बाउकायंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं लोयं तिरियं करेइ 2 पचत्थिमंसि लोयंतंसि सायं सूरिए श्राउकार्यसि विद्धंसइ एगे एवमाहंसु 6, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरथिमायो लोयंतायो पायो सूरिए पाउयो उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं करेइ 2 पचत्थिमंसि लोयतंसि सायं सूरिए बाउकायंसि पविसइ 2 अहे पडियागच्छइ 2 पुणरवि अवरभूपुरस्थिमायो लोयंतायो पायो सूरिए पाउयो उत्तिट्टइ, एगे एवमाहंसु 7, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरथिमायो लोयंतायो बहूई जोयणाई, बहुई जोयणसयाई, बहूई जोयणसहस्साई, उड दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं पायो सूरिए श्रागासंसि उत्तिट्ठइ, से णं इम दाहिणड लोयं तिरियं करेइ, करित्ता उत्तरड्डलोयं तमेव रात्रो, से णं इमं उत्तरडलोयं तिरियं करेइ, करित्ता दाहिणड्डलोयं तमेव रायो, से णं इमाइं दाहिणउत्तरडलोयाइं तिरियं करेइ करित्ता पुरत्थिमाश्रो लोयंतायो बहूई जोयणाई बहूई जोयणसयाई, बहूई जोयणसहस्साई उ8 दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं पायो सूरिए अागासंसि उत्तिट्टइ, एगे एवमाहंसु 8, 1 / वयं पुण एवं वयामो-ता जंबद्दीवस्स दीवस्स पाईणपडीणायय-उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरस्थिमंसि उत्तरपचत्थिमंसि य चउभागमंडलंसि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाश्रो भूमिभागायो अट्टजोयणसयाई उट्ठ उप्पइत्ता एत्थ णं पायो दुवे सूरिया भागासायो उत्तिट्ठति 2 / ते णं इमाई दाहिणुत्तराई जंबूद्दीव