________________ श्रीपज्जम्बूद्वीपप्रज्ञप्त्युपाङ्ग सूत्र :: षष्ठो वक्षस्कार : ] [ 165 // सूत्रं 160 // एतेसि णं भंते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते कतिमुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोगं जोएइ ?, गोत्रमा ! णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभाए मुहुत्तस्स चंदेण सद्धि जोगं जोएइ 1 / एवं इमाहिं गाहाहिं अणुगंतव्व-अभिइस्स चंदजोगो सत्तट्ठिखंडियो अहोरत्तो / ते हंति णव मुहुत्ता सत्तावीसं कलायो अ॥१॥ सयभिसया भरणीयो श्रद्दा अस्सेस साइ जेट्ठा य / एते छराणक्खत्ता पराणरसमुहुत्तसंजोगा // 2 // तिराणेव उत्तराई पुणव्वसू रोहिणी विसाहा य / एए छराणक्खत्ता पणयालमुहुत्तसंजोगा // 3 // अवसेसा णक्खत्ता पराणरसवि हुंति तीसइमुहुत्ता। चंदंमि एस जोगो णक्खत्ताणं मुणेअब्बो॥ 4 // 2 / एतेसि णं भंते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते कति अहोरते सूरेण सद्धिं जोगं जोएइ ?, गोत्रमा ! चत्तारि अहोरत्ते छच मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोगं जोएइ, एवं इमाहिं गाहाहिं अव्व-अभिई छच्च मुहुत्ते चत्तारि श्र केवले अहोरत्ते / सूरेण समं गच्छइ एत्तो सेसाण वोच्छामि // 1 // सयभिसया भरणीयो अद्दा अस्सेस साइ जेट्ठा य / वच्चंति मुहत्ते इकवीस छच्चेवऽहोरते // 2 // तिराणेव उत्तराई पुणव्वसू रोहिणी विसाहा य / वच्चंति मुहुत्ते तिरिण चेव वीसं ग्रहोरते // 3 // अवसेसा णक्खत्ता पराणरसवि सूरसहगया जंति / वारस चव मुहुत्ते तेरस य समे अहोरत्ते // 4 // 3 // सूत्रं 161 // कति णं भंते ! कुला कति उवकुला कति कुलोवकुला पराणत्ता ?, गोयमा! बारस कुला बारस उवकुला चत्तारि कुलोवकुला पराणत्ता, बारस कुला, तंजहा-धणिट्ठाकुलं 1 उत्तरभद्दवयाकुलं 2 अस्सिणीकुलं 3 कत्तियाकुलं 4 मिगसिरकुलं 5 पुस्सो कुलं 6 मघाकुलं 7 उत्तरफग्गुणीकुलं 8 चित्ताकुलं 1 विसाहाकुलं 10 मूलो कुलं 11 उत्तरासाढाकुलं 12, 1 / मासाणं परिणामा होति कुला उवकुला उ हेट्ठिमगा। होति पुण कुलोवकुला अभीभिसय यह अणुराहा // 1 // बारस उवकुला तंजहा-सवणो उवकुलं