________________ 192] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / सप्तमो विभागः पंचमीए दिवा कोलवं रायो थीविलोअणं, छट्ठीए दिवा गराई रायो वणिज्ज सत्तमीए दिवा विट्ठी रायो बवं, अट्ठमीए दिवा बालवं रायो कोलवं, णवमीए दिवा थीविलोअणं रायो गराई, दसमीए दिवा वणिज्जं रायो विट्ठी, एकारसीए दिवा बवं रायो बालवं, बारसीए दिवा कोलवं रायो थीविलोअणं, तेरसीए दिवा गराई रायो वणिज्जं, चउद्दसीए दिवा विट्ठी रायो सउणी, अमावासाए दिवा चउप्पयं राश्रो णागं, सुक्कपक्खस्स पाडिवए दिवा कित्थुग्धं करणं भवइ 3 / / सूत्रं 154 // किमाइया णं भंते ! संवच्छरा किमाइथा अयणा किमाइया उऊ किमाइश्रा मासा किमाइत्रा पक्खा किमाइया अहोरत्ता किमाइया मुहुत्ता किमाइया करणा किमाइथा णक्खत्ता पराणता ?, गोत्रमा ! चंदाइथा संवच्छरा दक्खिणाझ्या अयणा पाउसाइया उऊ सावणाझ्या मासा बहुलाइथा पक्खा दिवसाइया यहोरत्ता रोदाइया मुहुत्ता बालवाइबा करणा अभिजियाइथा णक्खत्ता पराणत्ता समणाउसो ! इति 1 / पंचसंवच्छरिए णं भंते ! जुगे केवइया अयणा केवइया उऊ एवं मासा पक्खा अहोरत्ता केवइया मुहुत्ता पराणत्ता ?, गोयमा ! पंचसंवच्छरिए णं जुगे दस अयणा तीसं उऊ सट्ठी मासा एगे वीसुत्तरे पक्खसए अट्ठारसतीसा अहोरत्नसया चउप्पराणं मुहुत्तसहस्सा णव सया पराणत्ता 2 // सूत्र 155 // जोगा 1 देवय 2 तारग्ग 3 गोत्त 4 संठाण 5 चंदरविजोगा 6 / कुल 7 पुरिणम अवमंसा य 8 सरिणवाए 1 अणेता य 10 // 1 // कति णं भंते ! णक्खत्ता पराणत्ता ?, गोयमा ! अट्ठावीसं णक्खत्ता पराणत्ता, तंजहा-श्राभिई 1 सवणो 2 धणिट्ठा 3 सयभिसया 4 पुव्वभवया 5 उत्तरभद्दवया 6 रेखई 7 अस्सिणी 8 भरणी 1 कत्तिश्रा 10 रोहिणी 11 मिश्रसिर 12 अदा 13 पुणव्वसू 14 पूसो 15 अस्सेसा 16 मघा 17 पुव्वफग्गुणि 18 उत्तरफग्गुणि 11 हत्थो 20 चित्ता 31 साई 22 विसाहा 23 अणु