________________ 186 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / सप्तमो विभागः अट्ट एक्खत्तमंडला पराणत्ता 1, 1 / जंबुद्दीवे दीवे केवइयं श्रोगाहित्ता केवइया णक्खत्तमंडला पराणत्ता ?, गोत्रमा ! जंबुद्दीवे दीवे असीयं जोत्रणसयं श्रोगाहेत्ता एत्थ णं दो णक्खत्तमंडला पराणत्ता 2 / लवणे णं समुद्दे केवइयं योगाहेत्ता केवइया णक्खत्तमंडला पराणत्ता ?, गोत्रमा ! लवणे णं समुद्दे तिरिण तीसे जोअणसए श्रोगाहित्ता एत्थ णं छ णक्खत्तमंडला पराणत्ता, एवामेव सपुवावरेणं जंबुद्दीवे दीवे लवणसमुद्दे अट्ठ णक्खत्तमंडला भवंतीतिमक्खायं 2, 3 / सव्वन्भंतरायो णं भंते ! माक्खत्तमंडलायो केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले पराणत्ते ?, गोत्रमा ! पंचदसुत्तरे जोअणसए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले पराणत्ते 4 / णक्खत्तमंडलस्स णं भंते ! णक्खत्तमंडलस्स य एस णं केवइयाए अबाहाए अंतरे परणत्ते ?, गोत्रमा ! दो जोत्रणाई णक्खत्तमंडलस्स य णक्खत्तमंडलस्स य अबाहाए अंतरे पराणत्ते 3, 5 / णक्खत्तमंडले णं भंते ! केवइयं पायामविक्खंभेणं केवइग्रं परिक्खेवेणं केवइयं बाहल्लेणं पराणत्ते ?, गोत्रमा ! गाउ आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं श्रद्धगाउग्रं बाहल्लेणं पराणत्ते 4, 6 / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सब्बभंतरे णक्खत्तमंडले पराणत्ते ?, गोत्रमा ! चोयालीसं जोअणसहस्साई अट्ट य वीसे जोत्रणसए अबाहाए सव्वभंतरे णक्खत्तमंडले पराणत्ते 7 / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पन्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले परणात्ते ?, गोत्रमा ! पणयालीसं जोत्रणसहस्साई तिरिण अ तीसे जोत्रणसए अबाहाए सब्बबाहिरए णक्खत्तमंडले पराणत्ते 5, 8 / सव्वभंतरे णक्खत्तमंडले केवइयं पायामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं परणते ?, गोत्रमा ! णवणउति जोत्रणसहस्साई छच्चचत्ताले जोत्रणसए आयामविखं. भेणं तिरिण अजोत्रणसयसहस्साई पराणरस सहस्साइं एगूणणवति च