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________________ 86 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः सप्तमो विभागः जाव भोत्रणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्टमभत्तं पारेइ 2 ता भोत्रणमंडवायो पडिणिक्खमइ 2 ता उप्पिं पासायवरगए फुट्टमाणेहि मुइंगमस्थएहिं जाव भुजमाणे विहरइ 26 / तए णं से भरहे राया दुवालससंवच्छरिग्रंसि पमोअंसि णिव्वतंसि समाणंसि जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता जाव मजणघराश्रो पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव बाहिरिश्रा उवट्ठाणसाला जाव सीहासणवरगए पुरस्थाभिमुहे णिसीअइ 2 ता सोलस देवसहस्से सकारेइ सम्माणेइ 2 ता पडिविसज्जेइ 2 ता बत्तीसं रायवरसहस्सा सकारेइ सम्माणेइ 2 ता सेणावइरयणं सकारेइ सम्माणेइ 2 ता जाव पुरोहियरयणं सकारेइ सम्माणेइ 2 ता एवं तिरिण सट्टे सूधारसए अट्ठारस सेणिप्पसेणीयो सकारेइ सम्माणेइ 2 ता अराणे अ वहवे राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिइत्रो सकारेइ सम्माणेइ 2 त्ता पडिविसज्जेति 2 ता उप्पिं पासायवरगए जाव विरहइ 27 // सूत्रं 68 // भरहस्स रगणों चक्करयणे 1 दंडरयणे 2 असिरयणे 3 छत्तरयणे 4 एते णं चत्तारि एगिदियरयणे श्राउहघरसालाए समुप्पराणा 1 / चम्मरयणे 1 मणिरयगो 2 कागणिरयणे 3 णव य महाणिहयो एए णं सिरिघरंसि समुप्पगणा 2 / सेणावइरयणे 1 गाहावइरयणे 2 वद्धइरयणे 3 पुरोहिश्ररयणे 4 एए णं चत्तारि मणुअरयणा विणीबाए रायहाणीए समुप्पराणा 3 / श्रासरयणे 1 हत्थिरयणे 2 एए णं दुवे पंचिंदिवरयणा वेश्रद्धगिरिपायमूले समुप्पण्णा 4 / सुभदा इत्थीरयणे उत्तरिलाए विज्जाहरसेटीए समुप्पराणे 5 // सूत्रं 61 // तए णं से भरहे राया चउदसराह रयणाणं णवराहं महाणिहीणं सोलसराहं देवसाहस्सीणं बत्तीसाए रायसहस्साणं बत्तीसाए उडुकल्लाणित्रासहस्साणं बत्तीसाए जणवय-कलाणिश्रासहस्साणं बत्तीसाए बत्तीसइबद्धाणं णाडगसहस्साणं तिराहं सट्ठीणं सूयारसयाणं अट्ठारसराहं सेणिप्पसेमीणं चउरासीइए बाससयसहस्साणं
SR No.004368
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1978
Total Pages532
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size13 MB
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