________________ 316 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः पष्ठो विभागः भंते ! नेरझ्यातो कतिकिरिया ?, गोयमा ! जहेव अादिलदंडतो तहेव भाणितव्वो, जाव वेमाणियत्ति 8 / जीवा णं भंते ! जीवेहितो कतिकिरिया ?, गोयमा ! तिकिरियावि चउकिरियावि पंचकिरियावि अकिरियावि 1 / जीवा णं भंते ! नेरइएहितो कतिकिरिया ?, गोयमा ! तिकिरियावि चउकिरियावि अकिरियावि, असुरकुमारेहितोवि एवं चेव जाव वेमाणितेहिंतो नवरं श्रोरालियसरीरेहितो जहा जीवेहिंतो 10 / नेरइए णं भंते ! जीवातो कतिकिरिए ?, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए 11 / नेरइए णं भंते ! नेरइयातो कतिकिरिए ?, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए, एवं जाव वेमाणिएहितो, नवरं नेरझ्यस्स नेरइएहितो देवेहितो य पंचमा किरिया नत्थि 12 / नेरइया णं भंते ! जीवातो कतिकिरिया ?, गोयमा ! सिय तिकिरिया सिय चउकिरिया सिय पंचकिरिया, एवं जाव वेमाणियातो, नवरं नेरइयायो देवायो य पंचमा किरिया नस्थि 13 / नेरइया णं भंते ! जीवेहिंतो कतिकिरिया ?, गोयमा ! तिकिरियावि चउकिरियावि पंचकिरियावि 14 / नेरइया णं भंते ! नेरइएहितो कतिकिरिया ?, गोयमा ! तिकिरिया चउकिरिया, एवं जाव वेमाणिएहितो नवरं पोरालियसरीरेहिंतो जहा जीवेहिं 15 / असुरकुमारे णं भंते ! जीवातो कतिकिरिए ?, गोयमा ! जहेव नेरइए चत्तारि दंडगा तहेव असुरकुमारेवि चत्तारि दंडगा भाणितव्वा 16 / एवं च उवउजिऊणं भावेयव्वंति, जीवे माणूसे य अकिरिए वुच्चति सेसा अकिरिया न वुच्चंति, सबजीवा बोरालियसरीरेहितो पंचकिरिया नेरइय देवेहितो पंचकिरिया णं वुच्चंति, एवं एल्केकजीवपदे चत्तारि 2 दंडगा भाणितव्वा; एवं एतं दंडगसयं सब्वेवि य जीवादीया दंडगा 17 // सूत्रं 281 // कति णं भंते ! किरियायो पराणत्तायो ?, गोयमा ! पंच किरियायों पराणत्तायो, तंजहा-कातिया जाव पाणातिवातकिरिया 1 / नेरइया णं भंते ! कति