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________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् :: पदं 17-2 ] [ 255 तिरिक्खजोणियाणं गब्भवक्कंतिय-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिणीण य कराहलेसाणं जाव सुक्कलेस्साण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा गब्भवक्कंतिय तिरिक्खजोणिया सुकलेसा, सुकलेसायो संखेजगुणाश्रो, पम्हलेसा गम्भवक्कतियतिरिक्खजोणिया संखेजगुणा, पम्हलेसायो तिरिक्खजोणिणीयो संखेजगुणायो, तेउलेसा गम्भवक्कंतियतिरिक्खजोणिया संखेजगुणा, तेउलेसायो तिरिक्खजोणिणीयो संखेजगुणायो, काउलेसायो तिरिक्खजोणिणीयो संखेजगुमायो नीललेसा विसेसाहिया कराहलेस्सा विसेसाहिया काउलेस्सा संखेजगुणा नीललेसायो विसेसाहियायो कराहलेसायो विसेसाहियात्रो, कराहलेस्सा संमुच्छिमपंचेंदिय-तिरिक्खजोणिया असंखेज(संखेज)गुणा नीललेस्सा विसेसाहिया कराहलेस्सा विसेसाहिया 10 / एएसि गां भंते ! पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कराहलेसाणं जाव सुक्कलेसाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचेंदियतिरिक्खजोणिया सुकलेस्सा सुक्कलेसायो संखिजगुणाश्रो पम्हलेसा संखेजगुणा पम्हलेसायो संखेनगुणाश्रो तेउलेसा संखेजगुणा तेउलेस्सायो संखिजगुणायो काउलेस्सायो संखेजगुणायो नीललेसायो विसेसाहियायो कराहलेसा विसेसाहिया काउलेस्सा असंखेजगुणा नीललेस्सा विसेसाहिया कराहलेस्सायो विसेसाहियायो 11 / एएसि णं भंते ! तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कराहलेस्साणं जाव सुक्लेस्साणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! जहेव नवमं अप्पाबहुगं तहा इमंपि, नवरं काउलेस्सा तिरिक्खजोणिया अणंतगुणा, एवं एते दस अप्पाबहुगा तिरिवखजोणियाणं 12 // सूत्रं 218 // एवं मणुस्साणवि अप्पाबहुगा भाणियब्वा, नवरं पच्छिमगं अप्पाबहुगं नत्थि // सूत्रं 211 // एएसि णं भंते ! देवाणं कराहलेसाणं जाव सुकलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा
SR No.004367
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages408
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size10 MB
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