________________ 254 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः : पष्ठो विभागः तिरिक्खजोणियाणं कराहलेसाणं एवं जाव सुकलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! जहा श्रोहियाणं तिरिक्खजोणियाणं नवरं काउलेस्सा असंखेजगुणा, संमुच्छिम-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं जहा तेउकाइयाणं, गब्भवक्कंतिय-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं जहा श्रोहियाणं तिरिक्खजोणियाणं नवरं काउलेस्सा संखेजगुणा, एवं तिरिक्खजोणिणीणवि 6 / एएसि णं भंते ! संमुच्छिम-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं गम्भवक्कंतिय-पंचेंदियतिरिक्खजोणियाण य कराहलेस्साणं जाव सुकलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा गम्भवक्कंतिय-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिया सुकलेस्सा पम्हलेस्सा संखेजगुणा तेउलेस्सा संखेजगुणा काउलेस्सा संखेजगुणा नीललेस्सा विसेसाहिया कराहलेसा विसेसाहिया काउलेसा संमुच्छिम-पंचेंदियतिरिक्खजोणिया असंखेजगुणा नीललेसा विसेसाहिया कराहलेसा विसेसाहिया 7 / एएसि | भंते ! संमुच्छिम-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कराहलेस्साणं जाव सुकलेसाण य कयरे कयरहितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! जहेब पंचमं तहा इमंपि छ8 भाणियव्वं 8 / एएसि णं भंते ! गम्भवक्कंतिय-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कराहलेसाणं जाव सुकलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! सब्वत्थोवा गभवक्वंतिय-पंचेंदियतिरिक्खजोणिया सुकलेसा, सुकलेसायो तिरिक्खजोणिणीयो संखेजगुणायो, पम्हलेसा गब्भवक्कंतिय-पंचेंदियतिरिक्खजोणिया संखेजगुणा, पम्हलेसायो तिरिक्खजोणिणीयो संखेजगुणायो तेउलेस्सा तिरिक्खजोणिया संखेजगुणा तेउलेसायो तिरिक्खजोणिणीयो संखेजगुणायो काउलेस्सा संखेजगुणा नीललेस्सा विसेसाहिया कराहलेस्सा विसेसाहिया काउलेसायो तिरिक्खजोणिणीयो संखेजगुणाश्रो नीललेसायो तिरिक्खजोणिणीयो विसेसाहियायो कराहलेसायो तिरिक्खजोणिणीयो विसेसाहियायो 1 / एएसिणं भंते ! संमुच्छिम-पंचेंदिय