________________ 252 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: षष्ठो विभागः // अथ श्री लेश्याख्य-सप्तदशम-पदे द्वितीयोद्देशकः // कइ णं भंते ! लेसायो पत्नत्तायो ?, गोयमा ! छल्लेसायो पन्नत्तायो, तंजहा-कराहलेसा नीललेसा काउलेसा तेउलेसा पम्हलेसा सुकलेस्सा // सूत्रं 214 // नेरइयाणं भंते ! कइ लेसायो पन्नत्तायो ?, गोयमा ! तिन्नि, तंजहा-किराहलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा 1 / तिरिक्खजोणियाणं भंते ! कइ लेस्सायो पन्नत्तायो ?, गोयमा ! छल्लेसायो पन्नत्तायो, तंजहा-कराहलेस्सा जाव सुकलेसा 2 / एगिदियाणं भंते ! कइ लेसायो पन्नत्तायो ?, गोयमा ! चत्तारि लेसायो पन्नत्तायो, तंजहा-कराह. लेस्सा जाव तेउलेस्सा / पुढविकाइयाणं भंते ! कइ लेसायो पन्नत्तायो ?, गोयमा ! एवं चेव, ग्राउवणस्सइकाइयाणवि एवं चेव, तेउवाउबेइंदियतेइंदियचउरिदियाणं जहा नेरइयाणं 3 / पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! छल्लेस्सायो पन्नत्तायो, तंजहा-कराहलेस्सा जाव सुक्कलेसा 4 / संमुच्छिम-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! जहा नेरइयाणं 5 / गम्भवक्कंतिय-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! छल्लेसायो पन्नत्तायो, तंजहा-कराहलेस्सा जाव सुक्कलेसा 6 / तिरिक्खजोणिणीणं पुच्छा, गोयमा ! छल्लेसायो एयायो चेव 7 / मासाणं पुच्छा, गोयमा ! छल्लेसायो एयायो चेव 8 / संमुच्छिममणुस्साणं पुच्छा, गोयमा ! जहा नेरइयाणं 6 / गम्भवक्कंतियमणुस्साणं पुच्छा, गोयमा ! छल्लेसायो पन्नत्तायो, तंजहा-कराहलेस्सा जाव सुकलेसा 10 / मणुस्सीणं पुच्छा, गोयमा ! एवं चेव 11 / देवाणं पुच्छा, गोयमा ! छ एयायो चेव 12 / देवीणं पुच्छा, गोयमा ! चत्तारि लेस्सायो एन्नत्तायो, तंजहा-कराहलेस्सा जाव तेउलेस्सा 13 / भवणवासीणं भंते ! देवाणं पुच्छा, गोयमा ! एवं चेव, एवं भवणवासिणीणवि 14 / वाणमंतरदेवाणं पुच्छा, गोयमा ! एवं चेव, वाणमंतरीणवि 15 / जोइसियाण पुच्छा, गोयमा ! एगा तेउलेसा,