________________ [ 13 श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् पदं 1 ] अय तंब तउय सीसय रुप्प सुवन्ने य वइरे य 14 // 8 // हरियाले हिंगुलए मणोसिला सासगंजणपवाले / अब्भपडलब्भवालुय बायरकाए मणिविहाणा 8 // 1 // गोमेजए य रुयए अंके फलिहे य लोहियक्खे य। मरगय मसारगल्ले भुयमोयग इन्दनीले य 1 // 10 // चंदण गेरुय हंसगब्भ पुलए सोगंधिए य बोद्धव्वे / चंदप्पभवेरुलिए जलकते सूरकंते य 1 // 11 // 40, 1 / जे यावन्ने तहप्पगारा ते समासयो दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य 2 / तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता, तत्थं णं जे ते पजत्तगा एतेसिणं वन्नादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेजाइं जोणिप्पमुह. सतसहस्साई, पजत्तगणिस्साए अपजत्तगा वक्कमंति 3 / जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखेजा 4 / सेत्तं खरबायरपुढविकाइया, सेत्तं बायरपुढविकाइया, सेत्तं पुढविकाझ्या 5 // सू० 15 // से किं तं श्राउकाइया ?, अाउकाइया दुविहा पराणत्ता, तंजहासुहुमत्राउकाइया य बादरग्राउकाइया य 1 / से कि तं सुहुमत्राउकाइया ?, सुहुमग्राउकाइया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पजत्त-सुहुमत्राउकाइया य अपजत्तसुहुमाउकाइया य, सेत्तं सुहुमयाउकाइया 2 / से किं तं बादरग्राउकाइया ?, 2 अणेगविहा पन्नत्ता, तंजहा-उस्सा हिमए महिया करए हरतणुए सुद्धोदए सीतोदए उसिणोदए खारोदए खट्टोदए अम्बिलोदए लवणोदए वारुणोदए खीरोदए घयोदए खोतोदए रसोदए 3 ।जे यावन्ने तहप्पगारा ते समासयो दुविहा पराणत्ता, तंजहा-पजत्तगा य अपज्जत्तगा य 4 / तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता, तत्थ णं जे ते पजत्तगा एतेसिणं वराणादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई संखेजाई जोणिप्पमुह-सयसहस्साई पजत्तगनिस्साए अपजत्तगा वक्कमति 5 / जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखिजा 6 / से तं बादरग्राउकाइया, से तं