________________ 226 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः पष्ठो विभामः // सूत्रं 111 // कतिविधे णं भंते ! इंदिययवाए पन्नत्ते, गोयमा ! पंचविधे इंदियश्रवाए पन्नत्ते, तंजहा-सोतिदियवाए जाव फासिदियअवाए, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जतिया इंदिया अस्थि 1 / कतिविहा णं भंते ! ईहा पन्नत्ता ?, गोयमा ! पंचविहा ईहा पन्नत्ता, तंजहा-सोतिदियईहा जाव फासिंदियईहा, एवं जाव वेमाणियाणं, णवरं जस्स जइ इंदिया 8,2 / कतिविधे णं भंते ! उग्गहे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविहे उग्गहे पनत्ते, तंजहाअत्थोग्गहे य वंजणोग्गहे य 3 / वंजणोग्गहे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! चउबिधे पन्नत्ते, तंजहा-सोतिदियवंजणोग्गहे घाणिदियवंजणोग्गहे जिभिदियवंजगोग्गहे फासिंदियवंजणोग्गहे 4 / अत्थोग्गहे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! छबिहे अत्थोग्गहे पन्नत्ते, तंजहा-सोतिदियअत्थोवग्गहे चक्खिदियपत्थोवग्गहे पाणिदिययत्थोवग्गहे जिभिदियपत्थोवग्गहे फासिदियपत्थोवग्गहे नोइंदियनत्थोवग्गहे 5 / नेरझ्याणं भंते ! कतिविहे उग्गहे पराणत्ते?,गोयमा ! दुविहे उग्गहे पन्नत्ते ?, तंजहा-पत्थोग्गहे य वंजणोग्गहे य, एवं असुरकुमाराणं जाव थणियकुमाराणं 6 / पुढविकाइयाणं भंते ! कतिविधे उग्गहे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविधे उग्गहे पन्नत्ते, तंजहा-पत्थोग्गहे य वंजणोवग्गहे य 7 / पुढविकाइयाणं भंते ! वंजणोग्गहे कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! एगे फासिंदियवंजणोग्गहे पन्नत्ते 8 / पुढविकाइयाणं भंते ! कतिविधे प्रत्थोग्गहे पराणते ?, गोयमा ! एगे फासिंदियपत्थोग्गहे पन्नत्ते 1 / एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, एवं बेइंदियाणवि, नवरं बेइंदियाणं वंजणोग्गहे दुविहे पन्नत्ते, अत्थोग्गहे दुविहे पनत्ते, एवं तेइंदियचउरिंदियाणवि, णवरं इंदियपरिवुढी कायव्वा, चारिदियाणं वंजणोगहे तिविधे पन्नत्ते, अत्थोग्गहे वउविधे पन्नत्ते, सेसाणं जहा नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं 1-10, 10 // सूत्रं 200 // कतिविहा णं भंते ! इंदिया पत्नत्ता ?, गोयमा ! दुविहा पनत्ता, कतिविहान 10, 10 // स पन्नते, सेसाणं नया