________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् : पदं 11 ] [ 201 गेगहति ताई किं पुट्ठाई गेराहति अपुढाई गेराहति ?, गोयमा ! पुढाई गेराहति नो अपुट्ठाइं गेराहति 15 / जाइं भंते ! पुट्ठाई गेराहति ताई किं योगाढाई गेराहति अणोगाढाइं गेराहति ?, गोयमा ! श्रोगाढाइं गेराहति नो श्रणोगाढाई गेराहति 16 / जाइं भंते ! भोगाढाई गेराहति ताई कि अणंतरोगाढाई गेराहति परंपरोगाढाइं गेहति ?, गोयमा ! अणंतरोगाढाई गिराहति नो परंपरोगाढाई गेराहति 17 / जाई भंते ! अणंतरोगाढाई गेराहति ताई किं श्राइं गेराहति बायराइं गेराहति ?, गोयमा ! अणूइंपि गेराहति बायराइंपि गेराहति 18 / जाइं भंते ! अणुइं गेराहति बायराइंपि गेराहति ताई कि उ8 गेराहति अधे गेहति ?, तिरियं गेराहति ?, गोयमा! उड्डपि गेराहति अधेवि गेराहति तिरियपि गेगहति 11 / जाइं भंते ! उड्ढति गेराहति अधेवि गेराहति तिरियपि गेराहति ताई कि आदि गेराहति मज्झे गेहति पन्जवसाणे गेहति ?, गोयमा ! अादिपि गेगहति मज्झवि गेराहति पज्जवसाणेवि गेहति 20 / जाइं भंते ! श्रादिपि गिराहति मज्झवि गेराहति पज्जवसाणेवि गिराहति ताई कि सविसए गिराहति अविसए गिराहति ?, गोयमा ! सविसए गेहति नो अविसए गेगहति 21 / जाई. भंते ! सविसए गेराहति ताई किं पाणुपुबि गेराहति अणाणुपुब्बिं गेराहति ?, गोयमा ! प्राणुपुब्बिं गेराहति, नो अणाणुपुब्बि गेराहति 22 / जाई भंते ! आणुपुब्बिं गेहति ताई किं तिदिसि गेराहति जाव छदिसिं गेहति ?, गोयमा ! नियमा छदिसि गेमहति 23 / “पुट्ठोगाढअणंतर अणू य तह बायरे य उडमहे / श्रादिविसयाणुपुवि णियमा तह छदिसिं चेव // 1 // " // सूत्रं 168 // जीवे णं भंते ! जाई दव्वाइं भासत्ताए गेराहति ताई किं संतरं गेराहति निरंतरं गेराहति ?, गोयमा ! संतरंपि गेराहति, निरंतरंपि गेराहति, संतरं गिराहमाणे जहराणेणं एगं समयं उको. सेणं असंखेजसमए अंतरं कटु गेराहति, निरंतरं गेराहमाणे जहराणेणं