________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् :: पदं 10 ] [ 183 याए एगे अचरमे चरमाइं असंखिजगुणाई, अचरमं चरमाणि य दोवि विसेसाहिया, पएसट्टयाए सव्वत्थोवा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए चरमंतपदेसा, अचरमंतपदेसा असंखेजगुणा, चरमंतपदेसा य अचरमंतपदेसा य दोवि विसेसाहिश्रा, दव्वट्ठपएसट्टयाए सव्वत्थोवा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए दवट्टयाए एगे अचरिमे, चरिमाइं असंखेजगुणाई, अचरिमं चरिमाणि य दोवि विसेसाहिया, चरमंतपएसा असंखेजगुणा, अचरमंतपएसा असंखिन्जगुणा, चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दोवि विसेसाहिया एवं जाव अहेसत्तमाए सोहम्मस्स जाव लोगस्स एवं चेव // सूत्रं 155 // अलोगस्स णं भंते ! अचरमस्स य चरमाण य चरमन्तपदेसाण य अचरन्तपदेसाण य दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसट्टयाए कयरे 2 हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवे अलोगस्स दव्वट्टयाए एगे अचरमे चरमाइं असंखिजगुणाई अचरमं चरमाणि य दोवि विसेसाहियाई, पऐसट्टयाए सव्वत्थोवा अलोगस्स चरमन्तपदेसा अचरमन्तपएसा अणन्तगुणा चरमन्तपदेसा य अचरमन्तपदेसा य दोवि विसेसाहिया, दव्वट्ठपएसट्टयाए सव्वत्थोवे अलोगस्स दव्वट्टयाए एगे अचरमे चरमाइं असंखेजगुणाई अचरमं च चरमाणि य दोवि विसेसाहियाई, चरमन्तपएसा असंखजगुणा, अचरमन्तपएसा अणन्तगुणा, चरमन्तपएसा य ग्रचरमन्तपएसा य दोवि विसेसाहिया 1 / लोगालोगस्स णं भंते ! अचरमस्स य चरमाण य चरमन्तपएसाण य अचरमन्तपएसाण य दवट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वट्टपएसट्टयाए कयरे 2 हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवे लोगालोगस्स दव्वट्टयाए एगमेगे अचरमे, लोगस्त चरमाइं असंखेन्जगुणाई, अलोगस्स चरमाइं विसेसाहियाई, लोगस्स (य) अलोगस्स य अचरमं य चरमाणि य दोवि विसेसाहियाई, पएसट्टयाते सव्वत्थोवा लोगस्स चरमन्तपदेसा, अलो