________________ 150 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / षष्ठो विभागः चट्ठाणवडिए ठिईए चउहाणवडिए कालवन्नपजवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं वराणादि उवरिलचउफासेहि य छट्ठाणवडिए, से एएण?णं जाव पन्नत्ता 67 / एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुकोसगुणकालएवि एवं चेव, नवरं सट्टाणे छट्ठाणवडिए 68 / जहन्नगुणकालयाणं भंते ! अणंतपए. सियाणं पुच्छा, गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता 61 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ ?, गोयमा ! जहन्नगुणकालए अणंतपणसिए जहन्नगुणकालयस्स अणंतपएसियस्स दवट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए प्रोगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं वन्नादि अट्ठफासेहि य छट्ठाणवडिए, से एएणतुणं जाव पन्नत्ता 70 / एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुकोसगुणकालएवि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए, एवं नील-लोहिय-हालिह-सुकिल्ल-सुभिगंध-दुन्भिगंध-तित्त-कडु-कसायअंबिल-महुर-रसपजवेहि य वत्तव्वया भाणियब्वा, नवरं परमाणुपोग्गलस्स सुब्भिगंधस्स दुन्भिगंधो न भरणइ दुन्भिगंधस्स सुब्भिगंधो न भरणइ, तित्तस्स अवसेसं न भरणति एवं कडयादीणवि, अवसेसं तं चेव 71 / जहन्नगुणकक्खडाणं अणंतपएसियाणं खंधाणं पुच्छा, गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता 72 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ ?, गोयमा ! जहन्नगुणकखडे अणंतपएसिए जहन्नगुणकक्खडस्स अणंतपएसियस्स दबट्टयाए तुल्ले पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए योगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए चउटाणवडिए वनगंधरसेहिं छटाणवडिए कक्खडफासपज्जवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं सत्तफासपजवेहिं छट्ठाणवडिए, से एएण?णं जाव पन्नत्ता 73 / एवं उक्कोसगुणकवडेवि, अजहन्न-मणुकोसगुणकक्खडेवि एवं चेव, नवरं सट्टाणे छट्ठाणबडिए, एवं मउय-गुरुय-लहुएवि भाणियब्वे 74 / जहन्नगुणमीयाणं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं पुच्छा, गोयमा ! अणंता पन्जवा पन्नत्ता 75 / से केण?णं भंते ! एवं वुचइ ?,