________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् : पदं 5 ) [ 146 कालए परमाणुपुग्गले जहन्नगुणकालगस्स परमाणुपुग्गलस्स दवट्ठयाए तुल्ले परमट्टयाए तुल्ले श्रोगाहणट्टयाए तुल्ले ठिईए चउट्ठाणवडिए कालवन्नपजवेहिं तुल्ले श्रवसेसा वराणा नत्थि, गंघरसदुफास-पजवेहि य छट्ठाणवडिए, से एएणद्वेणं जाव पन्नत्ता 58 / एवं उक्कोसगुणकालएवि, एवमजहन्नमणुकोसगुणकालएवि, णवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए 56 / जहन्नगुणकालयाणं भंते ! दुपएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता 60 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ ?, गोयमा ! जहन्नगुणकालए दुपएसिए जहन्नगुणकालयस्स दुपएसियस्स दवट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले योगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अभहिए, जइ हीणे परसहीणे यह अभहिए पएसयभहिए ठिईए चउट्ठाणवडिए कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले अवसेसवराणाइउवरिल्लचउफासेहि य छट्ठाणवडिए, से एएण?णं जाव पन्नत्ता 61 / एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुकोसगुणकालएवि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए, एवं जाव दसपएसिए नवरं पएसपरिवुड्डी योगाहणाए तहेव 62 / जहन्नगुणकालयाणं भंते ! संखिजपएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता 63 / से केण?णं भंते ! एवं बुच्चइ ?, गोयमा ! जहन्नगुणकालए संखिजपएसिए जहन्नगुणकालगस्स संखिजपएसियस्स दबट्टयाए तुल्ले पएसट्टयाए दुट्ठाणवडिए योगाहणट्टयाए दुट्ठाणवडिए ठिईए चउट्टाणवडिए कालवन्नपजवेहिं तुल्ले अवसेसेहि वराणाइ उवरिलचउफासेहि य छट्टाणवडिए, से एएण?णं जाव पन्नत्ता 64 / एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुकोसगुणकालएवि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए 65 / जहन्नगुणकालयाणं भंते ! असंखिजपएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता 66 / से केण?णं भंते ! एवं वुबइ ?, गोयमा ! जहन्नगुणकालए असंखिजपएसिए जहन्नगुणकालगस्स असंखिजपएसियस्स दबट्टयाए तुल्ले पएसट्टयाए चउट्ठाणवडिए योगाहणट्टयाए