________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् :: पदं 5 ] [ 133 एवं उक्कोसठिइएवि, अजहन्नमणुकोसठिइएवि, नवरं सट्ठाणे चउट्ठाणवडिए 1 / जहन्नगुणकालगाणं भंते ! नेरइयाणं केवइया पजवा पन्नत्ता ?, गोयमा ! अणंता पजवा पत्नत्ता 10 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-जहन्नगुणकालगाणं नेरइयाणं अणंता पजवा पत्नत्ता ?, गोयमा ! जहन्नगुणकालए नेरइए जहन्नगुणकालगस्स नेरझ्यस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले योगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए कालवनपजवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं वन्नगंधरसफासपजवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दसणेहि छट्टाणवडिए, से एएण?णं गोयमा ! एवं वुच्चइ जहन्नगुणकालगाणं नेरइयाणं गणंता पजवा पन्नत्ता 11 / एवं उकोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुकोसगुणकालएवि एवं चेव, नवरं कालवन्नपजवेहिं छट्ठाणवडिए, एवं अवसेसा वत्तारि वन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ट फासा भाणियब्वा 12 / जहन्नाभिणियोहियनाणीणं भंते ! नेरझ्याणं केवइया पजवा पनत्ता ?, गोयमा ! जहन्नाभिणिबोहियनाणीणं नेरझ्याणं अणंता पजवा पन्नत्ता 13 / से कणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ जहन्नाभिणिबोहियनाणीणं नेरइयाणं अणंता पज्जवा पनत्ता ?, गोयमा ! जहन्नाभिणिबोहियनाणी नेरइए जहन्नाभिणि. बोहियस्स नाणिस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले योगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए याभिणिबोहियनाणपजवेहिं तुल्ले सुयनाणपजवेहिं श्रोहिनाणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए, से एएण?णं जाव पन्नत्ता 14 / एवं उकोसाभिणिवोहियनाणीवि, अजहन्नमणुकोसाभिणिबोहियणाणीवि एवं चेव, णवरं ग्राभिणिबोहियनाणपजवेहिं सट्टाणे छट्ठाणवडिए, एवं सुयनाणी योहिनाणीवि, नवरं जस्स नाणा तस्स अन्नाणा नत्थि, जहा नाणा तहा अन्नाणावि भाणियब्वा, नवरं जस्स अन्नाणा तस्स नाणा न भवंति 15 / जहन्नचक्खुदंसणीणं भंते ! नेरइयाणं केवइया पजवा