________________ 74 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / पञ्चमो विभागः दोसमारि भयविष्पमुक्कं खेमं सिवं सुभिक्खं पसंतडिबडमरं रज्जं पसासेमाणे विहरइ ] // सू० 5 // ... तस्स णं सेयरगणो धारिणी [नाम] देवी [होत्था सुकुमालपाणिपादा अहीण-पडिपुराण-पंचिंदियसरीरा लक्खण-बंजण-गुणोववेया माण-उम्माणपमाण-पडिपुराण-सुजाय-सव्वंगसुंदरंगी ससि-सोमांगार-कंतपियदंसणा सुरुवा करयल-परिमिय-पसत्थ-तिवलि-बलियमझा कुंडलुल्लिहियगंडलेहा कोमुइरयणियर-विमल-पडिपुराण-सोमवयणा भिंगारागारचारवेसा संगयगयहसिय-भणिय-चिट्ठिय-विलास-ललिय-संलाव-निउण-जुत्तोवयारकुसला सुंदरथण-जघण-वयण कर-चरण-नयण-लायराण-विलासकलिया सेएण रराणा सद्धिं अणुरत्ता अविरत्ता इ8 सद्द-फरिसे स्स-रूव-गंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पचणुभवमाणा विहरइ] // सू० 6 // सामी समोसढे [ ते णं काले णं ते णं समए णं समणे भगवं महावीरे बाइगरे तित्थगरे सहसंबुद्धे पुरिसुत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी अभयदए चक्खुदए मग्गदए सरणदए जीवदए दीवो ताणं सरणं गई पइट्टा धम्मवरचाउरंत-चकवट्टी अप्पडिहय-वरनाण-दंसणधरे वियट्टछ उमे जिणे जावए तिराणे तारए मुत्तं मोयए बुद्धे बोहए सव्वराणू सव्वदरिसी, सिवं अयलं अरुयं अणंतं अक्खयं श्रब्धाबाहं अपुणरावत्तिय सिद्धिगइणामधेज्जं ठाणं संपाविउकामे परहा जिणे केवली // सू० 7 // सत्तहत्थुस्सेहे समचउरंस-संगणसंठिए वजरिसह-नारायसंघयणे अणुलोम-वाउवेगे कंकग्गहणी कवीयपरिणामे सउणि-पोस-पिटुतरोरुपरिणए पउमुप्पल-गंध-सरिसनिस्सास-सुरभिवयणे छवी निरायंक-उत्तम-पसत्य-अइसेय-निरुवमपले जल्ल-मल्ल-कलंक-सेयरय-दोसवजिय-सरीरनिरुवलेवे छायाउज्जोइयंगमंगे घण-निचिय-सुबद्ध-लक्खणुराणय-कूडागार-निभपिडियग्गसिरए सामलि-बोंडघण-निचिय-फोडिय-मिउ-विसय-पसत्थ-सुहुम-लक्खण-सुगंध-सुदरभुव-मोयग