________________ भिसंत-पत्त-भारवाईणपत्ता अणईइपत्ता विपुलवट्टखंघा . श्री श्रीराजप्रश्नीय-सूत्रम् / [ 71 णिलित-उडडेतसस्सिरीए णाणा-सउणगण-मिहुण-सुमहुर-कराणसुह-पलत्तसहमहुरे कुस-विकुस-विसुद्धरुक्खमूले पासादीए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे, से णं असोगवरप्रायवे अन्नेहिं बहूहिं तिलएहि लउएहिं छत्तोवगेहिं सिरीसेहि सत्तवराणेहिं दधिवन्नेहिं लोददेहिं ध्रवेहिं चंदणेहिं अज्जुणेहि नीहिं कयंबेहि फणसेहिं दाडिमेहिं तालेहि ...तमालेहिं पियालेहिं पियंगूहिं रायरुक्खेहि जाव. नंदिरुक्खेहि सव्वश्री समंता संपरिक्खित्ते 1 / ते णं विलगा जाव नंदिरुक्खा कुसविकुस-विसुद्धरुक्खमूला मूलमंतो कंदमंतो जाव खंधिमंतो तयामंतो सालमंतो पवालमंतो पत्तमंतो-पुप्फमंतो-फलमंतो-बीयमंतो यणुपुब्धि सुजाय-रुइल-बट्टभावपरिणया एगखंधी प्रणेग-साहपसाहविडिमा अणेग-नरवामसुप्पसारिय-श्रगिज्म-घण-विपुलवट्टखंधा .. अच्छिद्दपत्ता अविरलपत्ता अवाईणपत्ता अणईइपत्ता निद्भूय-जरठ-पंडुपत्ता नवहरियभिसंत-पत्त-भारंधयार-गंभीरदरिसणिज्जा उवनिग्गय-नव-तरुण-पत्त-पल्लवकोमल-उजल-चलंत-किसलय-सुकुमाल-पवाल-सोभिय-पवर-वरंकुरग्गसिहरा निच्वं कुसुमिया निच्चं मउलिया : निच्चं लवइया निच्चं थवइया निच्चं गुलइया निच्चं गोच्छिया निच्चं जमलिया निच्चं जुयलिया निच्वं / विणमिया निच्चं पणमिया निच्चं सुविभत्त-पडिमंजरिवडिसयधरा निच्चं कुसुमिय-मउलिय-लवइय-थवइय-गोच्छियजमलिय-जुयलिय-विणमिय-पणमिय-सुविभत्त-पडिमंजरि-वडिंसयधरा , सुकबरहिण-मयणसलागा-कोइल-कोरुग--कोभव-भिंगारक कोंडलग-जीवंजीवकनंदीमुख-कविल-पिङ्गलक्खग-कारंडव-चक्कवाक-कलहंस-सारस--अणेग-सउणगण-मिहुण-वियरिय-सदोन्नइय-महुरसरणाझ्या सुरम्मा संपिडिय-दरियभमरमड्डयरिपहकर-परिलित-मत्तछप्पय कुसुमासव-लोल--महुर-गुमगुमंत-गुजंतदेसभागा अभितरपुप्फफला बाहिरपत्तोच्छराणा पत्तेहिं य पुप्फेहि य उच्छन्नपलिच्छिन्ना नीरोगका अकंटका साउफला, निद्धफला णाणाविह