________________ 66 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः पञ्चमो विभागः खलु सिद्धाणं, उकोसोगाहणा भणिया // 5 // चत्तारि य रयणीयो रयणित्तिभागणिया य बोद्धव्वा / एसा खलु सिद्धाणं मज्झिमयोगाहणा भणिया // 6 // एका य होइ रयणी साहीया अंगुलाई अट्ठः भवे / एसा खलु सिद्धाणं जहणणयोगाहणा भणिया // 7 // योगाहणाए सिद्धा भवत्तिभागेणं होइ परिहिणा / संठाणमणिथंथं जरामरण-विप्पमुक्काणं // 8 // जत्थ य एगो सिद्धो तत्थ अणंता भवक्खयविमुक्का / अगणोराणसमवगाढा पुट्ठा सब्वे य लोगंते // 1 // फुसइ अणते सिद्धे सब्वपएसेहिं णियमसो सिद्धा। तेवि असंखेज्जगुणा देसपएसेहिं जे पुट्ठा // 10 // यसरीरा जीवघणा उवउत्ता दंसणे य णाणे य / सागारमणागारं लक्खणमेयं तु -सिद्धाणं // 11 // केवलणाणुवउत्ता जाणंति सब्वभावगुणभावे / पासंति सव्वश्रो खलु केवलदिट्ठी अणताहि // 12 // णवि अत्थि माणुसाणं तं सोक्खं णविय सव्वदेवाणं / जं सिद्धाणं सोखं अव्वाबाहं उवग़याणं . // 13 // ज देवाणं सोक्खं सव्वद्धापिंडियं अणंतगुणं / ,ण य पावइ मुत्तिसुहं णंताहिं वग्गवग्गूहि // 14 // सिद्धस्स सुहो रासी सव्वद्धापिंडिश्रो जइ हवेजा / सोऽणंतवग्गभइयो सब्वागासे ण माएजा // 15 // जह णाम . कोइ मिच्छो नगरगुणे बहुविहे वियाणंतो। न चएइ परिकहेउं उवमाए तहिं असंतीए // 16 // इय सिद्धाणं सोक्खं अणोवमं णत्थि तस्स श्रोवम्मं / किंचि विसेसेणेत्तो बोक्म्ममिणं सुणह वोच्छं // 17 // जह सबकामगुणियं पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोइ। तराहाछुहाविमुक्को अच्छेज जहा श्रमियतित्तो // 18 // इय सव्वकालतित्ता अतुलं निव्वाणमुवगया सिद्धा। सासयमव्याबाहं चिट्टति सुही सुहं पत्ता // 11 // सिद्धत्ति य बुद्धत्ति य : पारगयत्ति य परंपरगयत्ति / उम्मुक्ककम्मकवया अजरा अमरा असंगा य // 20 ॥णिच्छिाणसव्वदुक्खाज़ाइजरामरणबंधणविमुक्का / अव्वाबाहं सुक्खं , अणुहोति सासयं सिद्धा // 21 // अतुलसुहसागरगया अव्वाबाहं अणोवमं