________________ [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: पञ्चमो विभागः इमे गामागर-णयर-णिगम-रायहाणि-खेड-कबड-मडंब-दोणमुह-पट्टणासमसंबाहसन्निवेसेसु मणुया भवंति, तंजहा-दगबिइया दगतइया दगसत्तमा दगएकारसमा गोत्रमा-गोबइया-गिहिधम्मा-धम्मचिंतक-अविरुद्ध-विरुद्ध-वुडसावकप्पभित्रयो तेसिं मणुाणं गणो कप्पइ इमायो नव रसविगईयो याहारित्तए, तंजहा-खीरं दहिं णवणीयं सप्पिं तेल्लं फाणियं महुँ मज्जं मंसं, णरणत्थ एकाए सरसवविगइए. ते णं मणुया अप्पिच्छा तं चेव सव्वं णवरं चउरासीइ वाससहस्साई ठिई पराणत्ता 1, 17 / से जे इमे गंगाकूलगा वाणपत्था तावसा भवंति, तंजहा-होतिया पोत्तिया कोत्तिया जगणई सडई घालई हुंपउट्ठा दत्तुक्खलिया उम्मन्जका सम्मजका निमज्जका संपक्खाला दक्खिणकूलका उत्तरकूलका संखधमका कूलधमका मिगलुद्धका हत्थितावसा उद्दडका दिसापोक्खिणो वाकवासिणो अंबुवासिणो बिलवासिणो चे(वे)लवासिणो जलवासिणो रुक्खमूलिया अंबुभक्खिणो वाउभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा तयाहारा पत्ताहारा पुष्पाहारा बीयाहारा परिसडिय-कंदमूल-तय-पत्त-पुष्फ-फलाहारा जलाभिसे-कढिणगाया(गायभूया) यायावणाहिं पंचग्गितावेहिं इंगालसोल्लियं कंडुसोल्लियं कंठसो. ल्लियंपिव अप्पाणं करेमाणा. बहुई वासाइं परियाय पाउणंति बहूई वासाई परियाय पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उकोसेणं जोइसिएसु देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, पलिश्रोवमं वाससयसहस्समभहिग्रं ठिई, बाराहगा ?, णो इण? समढे 10, सेसं तं चेव 18 / से जे इमे जाव सनिवेसेसु पब्वइया समणा भवंति, तंजहा-कंदप्पिया कुक्कुइया मोहरिया गीयरइप्पिया नचणसीला ते णं एएणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाई सामराणपरियायं पाउणंति बहूई वासाई सामराणपरियायं पाउणित्ता तस्स ठाणस्स अणालोइअग्रप्पडिक्कता कालमासे कालं किचा उक्कोसेणं सोहम्मे कप्पे कंदप्पिएसु देवेसु देवत्ताए उवव तारो भवंति, तहिं तेसिं गती