________________ 436 ] ..[ श्रीमदागमसुधासिन्धु :: पञ्चमो विभाग उकोसेणं संखेज्नं कालं, एवं तेइंदिएवि चरिंदिएवि 4 / पंचिदिए णं भंते ! पंचेंदिएत्ति कालश्रो केवचिरं होइ ?, गोयमा / जहगणेगां अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं सागरोवमसहस्सं सातिरेगं, अणिदिए णं भंते ! अणिदिएत्ति कालयो केवचिरं होइ ' ?, सादीए अपज्जवसिए / पुढविकाइयस्स णं भंते ! अंतरं कोलयो केवचिरं होति ?, गोयमा ! जहराणेणां अंतोमुहत्तं उक्कोसेगों वणस्सतिकालो, एवं श्राउकाइयस्स तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स 6 / वणस्सइकाइयस्स णं भंते ! अंतरं कालो केवचिरं होइ ?, जा चेव पुढविकाइयस्स संचिट्ठणा, बियतियचउरिदियपंचेंदियागां एतेसि चउराहपि अंतरं जहराणेगां अंतोमुहुत्तं उक्कोसेगां वणस्सइकालो 7 / अणिंदियस्स गां भंते ! अंतरं कालश्रो केवचिरं होति ?, गोयमा ! सादीयस्स अपज्जवसियस्स गत्थि अंतरं 8 / एतेसि , गां भंते ! पुढविकाइयागां श्राउकाइयाणां तेउकाइयाणं वाउकाइयाणं वणस्सइकाइयाणं बेंदियाणां तेइंदियाणं चरिंदियाणं पंचेंदियायां अणिंदियाण य कतरे हितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचेंदिया चतुरिंदिया विसेसाहिया तेइंदिया विसेसाहिया बेंदिया विसेसाहिया तेंउकाइया असंखिजगुणा पुढविकाइया विसेसाहिया ग्राउकाइया विसेसाहिया वाउकाइया विसेसाहिया अणिदिया अांतगुणा वणस्सतिकाइया अणंतगुणा 8 // . सू० 271 // ग्रहवा दसविहा सबजीवा पराणत्ता, तंजहा-पढमसमयणेरइया अपढमसमयनेरइया पढमसमयतिरिक्खजोणिया अपहमसमयतिरिक्खेजोणिया पढमसमयमणूसा अपढमसमयमणूसा पढमसमयदेवा अपढमसमयदेवा पढमसमयसिद्धा अपढमसमयसिद्धा 1 / पढमसमयनेरइया णं भंते ! पढमसमयणेरइएत्ति कालयो केवचिरं होति ?, गोयमा ! एक्कं समयं 2 / अपढमसमयनेरइए णं भंते ! अपढमसमयणेरइएत्ति कालश्रो केचिरं होइ ?, गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई समऊणाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई समऊणाई.३ / TH. 4 ...