________________ श्रीजीवाजीवाभिगम-सूत्रम् :: प्रतिपत्तिः 2 ] [ 213 गोयमा ! सव्वत्थोवा अंतरदीवगमणुस्सपुरिसा देवकुरूत्तरकुरु-कम्मभूमगमणुस्सपुरिसा दोवि संखेजगुणा हरिवासरम्मगवास-अकम्मभूमग-मणुस्सपुरिसा दोवि संखेजगुणा हेमवतहेरगणवतवास-कम्मभूमग-मणुस्सपुरिसा दोवि संखिजगुणा भरहेरवतवासकम्मभूमगमणुस्सपरिसा दोवि संखेजगुणा पुव्वविदेहअवरविदेहकम्मभूमगमणुस्सपुरिसा दोवि संखेज्जगुणा अणुत्तरोववातियदेवपुरिसा असंखिजगुणा उवरिमगेविजदेवपुरिसा संखेजगुणा मझिमगेविजदेवपुरिसा संखेनगुणा हेट्ठिमगेविजदेवपुरिसा संखेजगुणा अच्चुयकप्पे देवपुरिसा संखेजगुणा, जाव आणतकप्पे देवपुरिसा संखेजगुणा सहस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा महासुक्के कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा जाव माहिदे कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा सणंकुमारकप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा ईसाणकप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा सोधम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेजगुणा भवणवासिदेवपुरिसा असंखेजगुणा खहयरतिरिक्खजोणियपुरिमा असंखेजगुणा थलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेजगुणा जलयरतिरिक्ख जोणियपुरिसा असंखेजगुणा वाणमंतरदेवपुरिसा संखेजगुणा, जोतिसियदेवपुरिसा संखेजगुणा // सू० 56 // पुरिसवेदस्त णं भंते ! कम्मस्स केवतियं कालं बंधट्टिती परणत्ता ?, गोयमा ! जहरणेणं अट्ठ संवच्छराणि, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीयो, दसवाससयाई अबाहा, अवाहूणिया कम्मठिती कम्मणिसेयो 1 / पुरिसवेदे णं भंते ! किंपकारे पराणत्ते ?, गोयमा ! वणदवग्गिजालसमाणे पराणत्ते, सेतं पुरिसा 2 ॥सू० 57 // से किं तं णसका ?, णपुंसका तिविहा पराणात्ता, तंजहा-नेरइयनपुंसका तिरिक्खजोणियनपुसका मणुस्स. जोणियणपुंसका 1 / से किं तं नेरइयनपुंसका ?, नेरइयनपुसका सत्तविधा पराणता, तंजहा-रयणप्पभापुढविनेरइयनपुंसका सकरप्पभापुढविनेरइयणपुंसका जाव अधेसत्तमपुढविनेरइयनपुंसका, से तं नेरइयनपुंसका 2 / से किं