________________ 166 ] [ श्रीमदागमसुमसिन्धुः :: पश्चनो विभागः वासाउएसुवि चउप्पएसु पक्खीसुवि, मणुस्सेसु सव्वेसु कम्मभूमीसु नो यकम्मभूमीएसु अंतरदीवएसुवि संखिजवासाउएसुवि असंखिजवासाउएसुवि देवेसु जाव वाणमंतरा, चउगइया दुअागतिया, परित्ता असंखेजा पराणत्ता 4 / से तं जलयरसमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खा 5 // सू० 35 // से कि तं थलयर-समुच्छिम-पंचेन्दियतिरिक्खजोणिया ?, 2 दुविहा पराणत्ता, तंजहा-च उप्पय-थलयर-समुच्छिम-पंचेन्दियतिरिक्खजोणिया परिसप्पसंमुच्छिम-पंचेन्दिय-तिरिक्खजोणिया 1 / से किं तं थलयर-चउप्पयसमुच्छिमपंचेदिय-तिरिक्खजोणिया ?, 2 चउन्विहा पराणत्ता, तंजहा-एगखुरा दुखुरा गंडीपया सणफया जाव जे यावरणे तहप्पकारा ते समासतो दुविहा पराणत्ता, तंजहा-पजत्ता य अपजत्ता य 2 / तो सरीरगा श्रोगाहणा जहराणेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं ठिती जहरणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं चउरासीतिवाससहस्साई, सेसं जहा जलयराणं जाव चउगतिया दुअागतिया परित्ता असंखेजा पराणत्ता, सेत्तं थलयर-चउप्पदसंमुच्छिम-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिया 3 / से किं तं थलयरपरि. सप्पसंमुच्छिमा ?, 2 दुविहा पराणत्ता, तंजहा-उरगपरिसप्पसंमुच्छिमा भुयगपरिसप्पसमुच्छिमा 4 / से किं तं उरगपरिसप्पसंमुच्छिमा ?, 2 चउबिहा पराणत्ता, तंजहा-यही अयगरा श्रासालिया महोरगा 5 / से किं तं यही ?, ही दुविहा पराणत्ता, तंजहा-दबीकरा मउलिणो य 6 / से किं त दव्वीकरा ?, 2 अणेगविधा पराणत्ता, तंजहा-श्रासीविसा जाव से तं दव्वीकरा 7 / से किं तं मउलिणो ?, 2 अणेगविहा पराणत्ता, तंनहा-दिवा गोणसा जाव से तं मउलिणो, सेत्तं ही 8 / से किं तं अयगरा ?, 2 एगागारा पराणत्ता, से तं श्रयगरा 1 / से किं तं थासालिया ?, 2 जहा पराणवणाए, से तं श्रासालिया 10 / से किं तं महोरगा?; 2 जहा पराणवणाए, से तं महोरगा, जे यावराणे तहप्पगारा ते