________________ 160 / [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: पञ्चमो विभागः णवरं थिबुगसंठिता, चत्तारि लेसायो, श्राहारो नियमा छदिसिं, उववातो तिरिक्ख जोणियमणुस्सदेवेहि,ठितीजहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसं सत्तवाससहस्साई 2 / सेसं तं चे जहा बायरपुढविकाइया जाव दुगतिया तिश्रागतिया परित्ता असंखेजा पन्नत्ता समणाउसो, सेत्तं बायराऊ, सेत्तं बाउकाइया ॥सू० 10 // से किं तं वणस्सइकाइया ?, 2 दुविहा पराणत्ता, तंजहा-सुहुमवणस्सइकाइया य बायरवणस्सइकाइया य // सू० 18 // से कि तं सुहुमवणस्सइकाइया ?, 2 दुविहा पराणत्ता, तनहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य, तहेव णवरं अणित्थंथसंगणसंठिया, दुगतिया दुग्रागतिया अपरित्ता अणंता, अवसेसं जहा पुढविकाइयाण, से तं सुहुमत्रणस्सइकाइया 1 / से किं तं बायरवणस्सइकाइया ?, 2 दुविहा पराणता, तंजहा-पत्तेयसरीरबायरवणस्मतिकाइया य साधारणसरीरबायरवणस्सइकाइया य 2 // सू० 11 // से कि तं पत्तेयसरीरबादरवणस्सतिकाइया ?, 2 दुवालसविहा पराणत्ता, तंजहा-रुक्खा गुच्छा गुम्मा लता य वल्ली य पव्वगा चेव / तणवलयहरितयोसहिजलरुहकुहणा य बोद्धव्वा // 1 // 1 / से किं तं रुक्खा ?, 2 दुविहा पराणत्ता, तंजहा-एगट्ठिया य बहुवीया य 2 / से किं तं एगट्ठिया ?, 2 अणेगविहा पराणत्ता, तंजहा-निबंबजंबु जाव पुराणाग-णागरुक्खे सीवरिण तधा असोगे य, जे यावरणे तहप्पगारा, एतेसि णं मूलावि असंखेजजीविया, एवं कंदा खंधा तया साला पवाला पत्ता पत्तेयजीवा पुप्फाई अणेगजीवाई फला एगट्ठिया, सेत्तं एगट्ठिया 3 / से किं तं बहुबीया ?, 2 अणेगविधा पगणत्ता, तंजहा-अस्थिय तेंदुय-उंबरकवि? अामलक-फणस-दाडिम-णग्गोधकाउंबरीय-तिलयलउयलोद्धे धवे, जे यावराणे तहप्पगारा, एतेसि णं मूलावि असंखेजजीविया जाव फला बहुवीयगा, सेत्तं बहुवीयगा, सेत्तं रुक्खा 4 / एवं जहा पराणवणाए तहा भाणियव्वं जाव जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं कुहणानाणाविधसंगणा रुक्खाणं एगनीविया पत्ता। खंधोवि एगजीवो तालसरल