________________ TWITHSiit 186 ) [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / पञ्चमो विभागः य 16 / ते णं भंते ! जीवा किं मणजोगी वयजोगी कायजोगी ?, गोयमा ! नो मणजोगी नो वयोगी कायजोगी 17 / ते णं भंते ! जीवा किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता ?, गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि 18 | ते णं भंते / जीवा किमाहारमाहारेंति ?, गोयमा! दव्वतो श्रणंतपदेसियाई खेत्तत्रो असंखेजपदेसोगाढाई कालो अन्नयरसमयद्वितीयाइं भावतो वगणव(म)ताई गंधव(म)ताई रसवं(म)ताई फासव(म)वाइं 11 / जाई भावनो वरणमंताई याहारेंति, ताई किं एगगराणाई थाहारेंति दुवराणाई थाहारेति तिवराणाई याहारेति चउवराणाई श्राहारेंति पंचवरणाई थाहारेंति ?, गोयमा ! ठाणमग्गणं पडुच्च एगवराणाइंपि दुवराणाइंपि तिवरणाइंपि चउवराणाइंपि पंचवरणाइंपि थाहारेंति, विहाणमग्गणं पडुच्च कालाइपि अाहारेंति जाव सुकिलाइंपि अाहारेंति 20 / जाई वराणो कालाई थाहारेति ताई कि एगगुणकालाई श्राहारेंति जाव अणंतगुणकालाई श्राहारेंति ?, गोयमा ! एगगुणकालाइंपि अाहारेंति जाव अणंतगुणकालाइंपि अाहारेंति एवं जाव सुकिलाई 21 / जाइं भावतो गंधमंताई थाहारेति ताई किं एगगंधाई थाहारेंति दुगंधाई थाहारेंति ?, गोयमा ! ठाणमग्गणं पडुच्च एगगंधाइंपि याहारेंति दुगंधाईपि श्राहारेंति, विहाणमग्गणं पडुच्च सुभिगंधाईपि अाहारेंति दुब्भिगंधाइंपि अाहारेंति 22 / जाइं गंधतो सुब्भिगंधाइं अाहारेंति ताई कि एगगुणसुब्भिगंधाई थाहारेति जाव अणतगुणसुरभिगंधाई थाहारेंति ?, गोयमा ! एगगुणसुभिगंधाइंपि अाहारेंति जाव अणंतगुणसुभिगंधाइंपि, याहारेंति, एवं दुभिगंधाइंपि 23 / रसा जहा वरांणा 24 / जाइं भावतो फासवं(म)ताई थाहारेति ताई कि एगफासाई याहारेंति जाव अट्टफासाई श्राहारेंति ?; गोयमा ! गणमग्गणं पडुच्च नो एगफासाई श्राहारेति नो दुफासाई श्राहारेंति नो तिफासाई श्राहारेति चउफासाई श्राहारंति पंचफासाइपि जाव