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________________ भीमदागमसुधासिन्धुः :: चतुर्थो विभागः // अथ प्रथमसंवरा अहिंसाख्यं षष्ठमध्ययनम् // - जंबू !-एत्तो संवरदाराइं पंच वोच्छामि श्राणुपुवीए / जह भणियाणि भगवया सव्वदुह-विमोक्खणट्ठाए // 1 // पढमं होइ अहिंसा बितियं सचवयणंति पत्नत्तं / दत्तमणुनाय संवरो य बंभवेरमपरिग्गहत्तं च॥ 2 // तत्थ पढमं अहिंसा तसथावर-सव्वभूय-खेमकरी। तीसे सभावणाश्रो किंची वोच्छं गुणु(सं // 3 // ताणि: उ इमाणि सुव्वय ! महव्वयाई लोकहिय-सव्वयाई सुयसागर-देसियाइं तवसंजम-महब्बयाई सीलगुण-वरव्वयाई सच्चजवव्वयाई नरग-तिरिय-मणुय-देवगति-विवजकाई सव्वजिण-सासणगाई कम्मरय-विदारगाइं भवसय-विणासणकाई दुहसय-विमोयणकाई सुहसयपवत्तणकाई कापुरिस-दुरुत्तराई सप्पुरिस-निसेवि(तीरि)याई निब्वाण-गमणमग्गसग्गप्पयाणगाई(णायकाई) संवरदाराइं पंच कहियाणि उ भगवया 1 / तत्थ पढमं अहिंसा जा सा सदेव-मणुयासुरस्स लोगस्स भवति दीवो ताणं सरणं गती पइट्ठा, निधाणं 1 निव्वुई 2 समाही 3 सत्ती 4 कित्ती 5 कंती 6 रती य 7 विरती य 8 सुयंगतित्ती 1-10 दया 11 विमुत्ती 12 खन्ती 13 सम्मत्ताराहणा 14 महंती 15 बोही 16 बुद्धी 17 धिती 18 समिद्धी 11 रिद्धि 20 विद्धी 21 ठिती 22 पुट्ठी 23 नंदा 24 ‘भद्दा 25 विसुद्धी 26 लद्धी 27 विसिदिट्ठी 28 कल्लाणं 21 मंगलं 30 पमोश्रो 31 विभूती 32 रक्खा 33 सिद्धवासो 34 श्रणासवो 35 केवलीण ठाणं 36 सिवं 37 समिई 38 सील 31 संजमो 40 त्तिय सीलपरिघरो 41 संवरो 42 य गुत्ती 43 ववसायो 44 उस्सयो 45 जन्नो 46 श्रायतणं 47 जतण 47 मप्पमातो 41 अस्सासो 50 वीसासो 51 भयो 52 सव्वस्सवि अमाघाश्रो 53 चोक्ख 54 पवित्ता 55 सूती 56 पूया 57 विमल 58 पभासा 51 य निम्मलतर : 60 ति एवमादीणि निययगुणनिम्मियाई पजवनामाणि होति अहिंसाए भगवतीए
SR No.004365
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages510
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, agam_anuttaropapatikdasha, agam_prashnavyakaran, & agam_vipakshrut
File Size12 MB
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