________________ श्रीमत्प्रश्नव्याकरणदशाङ्ग-त्रम् : अध्ययनं 1 ] [ 360 सरीरायो 2 अवीसंभो 3 हिंसविहिंसा 4 तहा अकिच्चं च 5 घायणा 6 मारणा य 7 वहणा 8 उद्दवणा 1 निवायणा य 10 थारंभसमारंभो 11 बाउय-कम्मस्सुवद्दवो भेयणिट्ठवण-गालणा य संवट्टगसंखेवो 12 मच्चू 13 असंजमो 14 कडगमद्दणं 15 वोरमणं 16 परभवसंकामकारयो 17 दुग्गतिप्पवायो 18 पावकोवो य 11 पावलोभो 20 छविच्छेत्रो(य-करो) 21 जीवियंतकरणो 22 भयंकरो 23 अणकरो य 24 वजो(सावज्जो) 25 परित्तावणराहयो 26 विणासो 27 निजवणा 28 लुपणा 21 गुणाणं विराहणत्ति 30 विय तस्स एवमादीणि णामधेजाणि होति तीसं पाणवहस्स कडुयफलदेसगाई // सू० 2 // तं च पुण करेंति केई पावा असंजया अविरया अणिहुय-परिणाम-दुप्पयोगी पाणवहं भयंकरं बहुविहं बहुप्पगारं परदुक्खुप्पायणप्पसत्ता इमेहिं तसथावरेहिं जीवहिं पडिणिविट्ठा, किं ते ? पाठीन-तिमितिमिगिल-अणेगझस-विविहजातिमंडुक्क-दुविहकच्छभ क(चक)- मगरदुविह(मुसंढ-विविह)गाह-दिलिवेढय-मंडुयसीमागार-पुलकसुसुमार-बहुप्पगारा जलयरविहाणा कए य एवमादी 1 / कुरंग-रुरु सरहचमर-संबर-उब्भ-ससय-पसय गोण-रोहिय-हय-गय-खर-करभ-खग्गी-वानरगवय-विग-सियाल-कोल-मजार-कोलसुणक-सिरियंदलगा-वत्त-कोकंतियगोकन्न-मिय-महिस-वियग्घ-छगल-दीविय--साण-तरच्छ-अच्छभल्ल--सद्दूलसीह-चिलल-चउप्पयविहाणाकए य एवमादी 2 / अयगर-गोणस-वराहि-मउलिकाकोदर-दब्भपुष्फ-श्रासालिय-महोरगोरगविहाणकए य एवमादी 3 / छीरलसरंब-सेह सेल्लग-गोधा-उंदर-णउल-सरड-जाहग-मुगुस-खाडहिला--चाउप्पाइयाघिरोलिया-सिरीसिव-गणे य एवमादी 4 / कादंबक-बक-बलाका-सारसश्राडा-सेतीय-कुलल-वंजुल-पारिप्पव-कीरव-सउण-दीविय-पीपीलिय--हंस-धत्तरिट्ठग-भास-कुलीकोस-कोंच-दगड-डेणियालग-सुचीमुह-कविल-पिंगल-क्खगकारंडग-चकवाग-उकोस-गरुल-पिंगुल-सुय-बरहिण-मयणसाल-नंदीमुह-नंदमा