SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 345
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 332 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्थो विभागः धम्मकहा परिसा पडिगता, कराहेवि, तए णं सा गोरी जहा पउमावती तहा णिक्खंता जाव सिद्धा 5 / एवं गंधारी। लक्खणा। सुसीमा / जंबबई / सच्चभामा / रूप्पिणी / अट्ठवि पउमावतीसरिसायो अट्ठ अज्झयणा // सू० 10 // ते णं काले णं 2 बारवतीनगरीए रेवतते नंदणवणे कराहे वासुदेवे, तत्थ णं बारवतीए नयरीए कराहस्स वासुदेवस्स पुत्ते जंबवतीए देवीए अत्तते संबे नामं कुमारे होत्था, बहीण जाव सुरूवे, तस्स णं संबस्म कुमारस्स मूलसिरीनामं भारिया होत्था वनयो, अरहा समोसढे कराहे णिग्गते मूलसिरीवि णिग्गया जहा पउमावती देवी नवरं देवाणुप्पिया ! कराहं. वासुदेवं श्रापुच्छामि जाव सिद्धा / एवं मूलदत्तावि // सू० 11 // पंचमो वग्गो समत्तो 5 // // 6 // अथ षष्ठो वर्गः // जति छट्ठस्स उक्खेवो, नवरं सोलस अज्झयणा पत्नत्ता, तंजहा'मंकाती (मकायी) किंकमे चेव, मोग्गरपाणी य कासवे / खेमते धितिधरे चेव, केलासे हरिचंदणे // 1 // वारत्तसुदंसणपुन्नभद्द सुमणभद्द सुपइट्टे मेहे / अइमुत्ते श्र अलक्खे अज्झयणाणं तु सोलसयं // 2 // 1 / जइ सोलस अझयणा पन्नत्ता, पढमस्स अज्झयणस्स के पट्टे पनत्ते ?, एवं खलु जंबू ! ते णं काले णं 2 रायगिहे नगरे गुणसिलए चेतिते सेणिए राया, मंकातीनाम गाहावती परिवसति अड्डे जाव परिभूते, ते णं काले णं 2 समणे भगवं महावीरे श्रादिकरे गुणसिलए जाव विहरति, परिसा निग्गया, तते णं से मंकाती गाहावती इमीसे कहाए लढे (ट्ठयाए) समाणे जहा पन्नत्तीए गंगदत्ते तहेव इमोऽवि जेटुपुत्तं कुडुबे ठवेत्ता पुरिससहस्सवाहिणीए सीताते णिक्खते जाव अणगारे जाते, ईरियासमिते जाव गुत्तवंभयारी 2 / तते णं से मंकाती श्रणगारे समणस्स भगवतो महावीरस्त तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाझ्याई एकारस अंगाई अहिजति सेसं जहा
SR No.004365
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages510
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, agam_anuttaropapatikdasha, agam_prashnavyakaran, & agam_vipakshrut
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy