________________ श्रीज्ञाताधर्मकथाङ्ग-सूत्रम् // अध्ययनं 16 ] | [203 सब्विड्डीए जाव रवेणं जेणेव सयंवरे तेणेव उवागच्छति 2 अणुपविसंति 2 पत्तेयं 2 नामंकेसु निसीयंति दोवई रायवरकराणं पडिवालेमाणा चिट्ठति 8 / तए णं से पंडुए राया कल्लं गहाए जाव विभूसिए हत्थिखंधवरगए सकोरंट-मल्लदामेगां छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवरचामरहिं उडुब्वमाणीहिं हयगय रहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिबुडे कंपिल्लपुरं मज्झमझेणं निग्गच्छंति जेणेव सयंवरामंडवे जेणेव वासुदेवपामुक्खा बहवे रायसहस्सा तेणेव उवागच्छति 2 तेसिं वासुदेवपामुक्खाणं करयल जाव वद्धावेत्ता कराहस्स वासुदेवस्स सेयवरचामरं गहाय उववीयमाणे चिट्ठति 1 // सूत्रं 124 // तए णं सा दोवई रायवरकन्ना जेणेव जिणघरे वेणेव उवागच्छइ 2 ता जिणपडिमाणं अच्चणं करेई (जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 राहाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाई पवर परिहिया मजणघरायो पडिनिक्खमइ 2 जेणेव जिणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 जिणघरं अणुपविसइ 2 जिणपडिमाणं बालोए पणामं करेइ 2 लोमहत्थयं परामुसइ एवं जहा सूरियाभो जिणपडिमायो अच्चेइ 2 तहेव भाणियत्वं जाव धूवं डहइ) 2 वामं जाणु अञ्चेति दाहिणं जाणु धरणियलंसि णिवेसेति 2 तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणियलंसि नमेइ 2 ईसिं पच्चुराणमति करयल जाव कटु एवं वयासीनमोऽत्थु णं अरिहंताणं भगवंताणं जाव संपत्ताणं वंदइ नमसइ 2 जिणघरायो पडिनिक्खमति 2 जेणेव अंतेउरे तेणेव उवागच्छइ ॥सूत्रं 125 // ___तते णं तं दोवई रायवरकन्नं अंतेउरियायो सव्वालंकार-विभूसियं करेंति किं ते ? वरपायपत्तणेउरा जाव चेडिया-चकवाल-मयहरगविंद-परिक्खित्ता अंतेउरायो पडिणिक्खमति 2 जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउग्घंटे बासरहे तेणेव उवागच्छति 2 किड्डावियाए लेहियाए सद्धिं चाउग्घंटं श्रासरहं दुरूहति, तते णं से धट्ठज्जुणे कुमारे दोवतीए