________________ 426 [ श्रीमदागमसुधासिन्धु : तृतीयो विभागः एगिदिया णं भंते ! कत्रो उववज्जति ?, एसो जहा पढमुद्दे सो सोलसहिवि जुम्मेसु तहेव नेयम्वों जाव कलियोग-कलियोगत्ताए जाव अणंतखुत्तो 1 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरति२ // 35-1-3 // चरिमसमय कडजुम्म २एगिदिया णं भंते ! कोहितो. उववज्जति ?, एवं जहेव पढमसमयउद्दसत्रो नवरं देवा न उववज्जति तेउलेस्सा न पुच्छिजति, सेसं तहेव 1 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरति 2 // 35-1-4 // अचरमसमय-कडजुम्म २एगिदिया णं भंते ! को उववज्जति जहा अपढमसमयउद्दसो तहेव निरवसेसो भाणियन्वो 1 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरति 2 // 35-1-5 // पढमसमय-कडजुम्म-कडजुम्मएगिदिया णं भंते ! करोहितो उववज्जति ?, जहाँ पढमसमयउद्देसयो तहेव निरवसेसं 1 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ 2 // 35-1-6 // पढमयपढमसमय-कडजुम्म 2 एगिदिया णं भंते ! को उववज्जति ? जहा पढमसमयउद्दे सो तहेव भाणियन्वो 1 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरति 2 // 35-1-7 // पढमत्ररिमसमय-कडजुम्म२एगिदिया णं भंते ! कत्रो उववज्जति ?, जहा चरमुद्दे सश्रो तहेव निरवसेसं 1 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरति 2 // 35-1-8 // पढमचरिमसमय-कडजुम्म २एगिदिया णं भंते ! को उववज्जति ?, जहा बीग्रो उद्दे सश्रो तहेव निरवसेसं 1 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ 2 // 35-1-1 // चरिम२समयकडजुम्म२एगिदिया णं भंते ! कत्रो उववज्जंति ?, जहा चउत्थो उद्देसयो तहेव 1 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरति 2 // 35.1.10 // चरमअचरमसमयकडजुम्म२एगिदिया णं भंते ! कत्रो उववज्जति ?, जहा पढमसमयउद्दे सश्रो तहेव निरवसेसं 1 / सेवं भंते ! 2 जाव विहरति 2 // 35-1-11 // एवं एए एकारस उद्दे सगा, पढमो ततिश्रो. पंचमयो य सरीसगमा सेसा अट्ट सरीसगमगा, नवरं चउत्थे