________________ 126 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः द्वितीयो विभागः पेज्जे दोसे कलहे जाव मिच्छादसणसल्ले, एस णं कतिवन्ने ! जहेव कोहे तहेव चउफासे 6 // सूत्रं 441 // श्रह भंते ! पाणाइवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे, एस णं कतिवन्ने जाव कतिफासे पराणत्ते ?, गोयमा! अवन्ने अगंधे अरसे अफासे पराणत्ते 1 / अह भंते ! उप्पत्तिया वेणइया कम्मिया परिणामिया, एस णं कतिवन्ना तं चेव जाव अफासा पन्नत्ता 2 / अह भंते / उग्गहे ईहा अवाये धारणा, एस णं कतिवन्ना ?, एवं चेव जाव अफासा पन्नत्ता 3 / .. अह भंते ! उटाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसकारपरकमे, एस णं कतिवन्ने ? तं चेव जाव अफासे पन्नत्ते 4 / सत्तमे णं भंते ! उवासंतरे कतिवन्ने ? एवं चेव जाव अफासे पन्नत्ते 5 / सत्तमे णं भंते ! तणुवाए कतिवन्ने ?, जहा पाणाइवाए, नवरं अट्टफासे पराणत्ते, एवं जहा सत्तमे तणुवाए तहा सत्तमे घणवाए घणोदधि पुढवी, छठे उवासंतरे श्रवन्ने, तणुवाए जाव छट्ठी पुढवी एयाइं अट्ठ फासाई, एवं जहा सत्तमाए पुढवींए वत्तव्वया भणिया तहा जाव पढमाए पुढवीए भाणियव्वं, जंबुद्दीवे 2 सयंभुरमणे समुद्दे सोहम्मे कप्पे जाव ईसिपब्भारा पुढवी नेरतियावासा जाव वेमाणियावासा एयाणि सव्वाणि अट्ठफासाणि 6 / नेरइया णं भंते ! कतिवन्ना जाव कतिफासा पनत्ता ?, गोयमा ! वेउब्बियतेयाइ पडुच्च पंचवन्ना पंचरसा दुग्गंधा फासा पराणत्ता, कम्मगं पडुच्च पंचवन्ना पंचरसा दुगंधा चउफासा पराणत्ता, जीवं पडुच्च श्रवन्ना जाव अफासा पराणत्ता, एवं जाव थणियकुमाराणं 7 / पुढविकाइय पुच्छा, गोयमा ! पोरासियतेयगाइं पडुच पंचवन्ना जाव अट्टफासा पराणत्ता, कम्मगं पडुच्च जहा नेरइयाणं, जीवं पडुच्च तहेव, एवं.जाव चउरिंदियाणं, नवरं वाउकाइया पोरालिय वेउविय तेयगाइं पडुच्च पंचवन्ना जाव अट्ठफासा पराणत्ता, सेसं जहा नेरझ्याणं, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा वाउकाइया 8 / मणुस्साणं पुच्छा, थोरा