________________ श्रीमव्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्र // शतक 12 // 70 2] [41 भो देवाणुप्पिया ! कोसंबिं नगरि-मभितर-बाहिरियं एवं जहा कूणियो तहेव सव्वं जाव पज्जुवासए 2 / तए णं सा जयंती समणोवासिया इमीसे कहाए लट्ठा समाणी हट्टतुट्ठा जेणेव मियावती देवी तेणेव उवागच्छइ 2 मियावती देवीं एवं वयासी-एवं जहा नवमसए उसभदत्तो जाव भविस्सइ 3 / तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए जहा देवाणंदा जाव पडिसुणेति 4 / तए णं सा मियावती देवी कोडबियपुरिसे सदावेइ 2 एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! लहुकरणजुत्तजोइय जाव धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव उवट्ठवेंति जाव पञ्चप्पिणंति 5 / तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं राहाया कयबलिकम्मा जाव सरीरा बहूहिं खुजाहिं जाव अंतेउरायो निग्गच्छति अंतेउरायो निग्गच्छित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ 2 जाव दुरूढा 6 / तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढा समाणी नियगपरियालगा जहा उसभदत्तो जाव धम्मियायो जाणप्पवरात्रो पच्चोरुहइ 7 / तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं बहूहिं खुजाहिं जहा देवाणंदा जाव वंदइ नमसइ, उदायणं रायं पुरयो कटु ठितिया चेव जाव पज्जुवासइ 8 / तए णं समणे भगवं महावीरे उदायणस्स रन्नो मियावईए देवीए जयंतीए समणोवासियाए तीसे य महतिमहालियाए जाव धम्मकहा, परिसा पडिगया, उदायणे पडिगए, मियावती देवीवि पडिगया 1 // सूत्रं 442 // तए णं सा जयंती समणोवासिया समणस्स भगवो महावीरस्स अंतियं . धम्मं सोचा निसम्म हट्टतुट्टा समणं भगवं महावीर वंदइ नमसइ 2 एवं वयासी-कहिन्नं भंते ! जीवा गरुयत्तं हवमागच्छन्ति ?, जयंती ! पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं, एवं खलु जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छन्ति, एवं जहा 52