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________________ 10. ......-[ भीमदानमसुभासिन्धुः / द्वितीयो विमाणा समणोवासए तेणेव उवागच्छंति 2 संखं समणोवासगं वदति नमसंति 2 त्ता एसमटुं समं विणएणं भुजो 2 खामेंति 4 / तए णं ते समणोवासगा सेसं जहा अालंभियाए जाव पडिगया 5 / भतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ 2 एवं वयासी-पभू गां भंते ! संखे समणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतियं सेसं जहा इसिभद्दपुत्तस्स जाव अंतं काहेति 6 / से भंते ! सेवं भंते ति जाव विहरइ 7 // सूत्रं 440 // // इति द्वादशमशतके प्रथम उद्देशकः // 12-1 // ... . // अथ द्वादशमशतके जयन्तिश्रमणोपासिकाख्य द्वितीयोद्देशकः // तेणं कालेणं 2 कोसंबी नामं नगरी होत्था वन्नयो, चंदोवतरणे चेइए पन्नो, तत्थ णं कोसंबीए नगरीए सहस्साणीयस्स रनो पोत्ते सयाणीयस्स रन्नो पुत्ते चेडगस्स रन्नो नत्तुए मिगावत्तीए देवीए अत्तए जयंतीए समणोवासियाए भत्तिजए उदायणे नामं राया होत्था वनश्रो 1 / तत्थ णं कोसंबीए नयरीए सहस्साणीयस्स रन्नो सुराहा सयाणीयस्स रनो भन्जा चेडगस्स रन्नो धूया उदायणस्स रन्नो माया जयंतीए सम्णोवासियाए भाउजा मिगावती नामं देवी होत्था वन्नो, सुकुमाल जाव सुरूवा समणोवासिया जाव विहरइ 2 / तत्थ णं कोसंबीए नगरीए सहस्साणीयस्स रन्नो धूया सयाणीयस्स रन्नो भगिणी उदायणस्स रन्नो पिउच्छा मिगावतीए देवीए नणंदा वेसालीसावयाणं अरहताणं पुव्वसिजायरी जयंती नामं समणोवासिया होत्था सुकुमाल जाव सुरूवा अभिगय जाव विहरइ 3 // सूत्रं 441 // तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसड्ढे जाव परिसा पज्जुवासइ 1 / तए णं से उदायणे राया इमीसे कहाए लट्ठ समाणे हट्टतु? कोडबियपुरिसे सद्दावेइ 2 एवं वयासी-खिप्पामेव
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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