________________ 382) ..... [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः द्वितीयो विभागः गए बहुए नो अगए बहुए, गयाउ से अगए असंखेजइभागे अगयाउ से गए असंखेजगुणे, लोए णं गोयमा ! एमहालए पन्नते 4 / श्रलोए णं भंते ! केमहालए पन्नत्ते ?, गोयमा ! अयन्नं समयखेते पणयालीसं जोयणसयसहस्साई श्रायामविक्खंभेणं जहा खंदए जाव परिक्खेवेणं 5 / तेणं कालेणं तेणं समएणं दस देवा महिडिया तहेव.जाव संपरिक्खित्ताणं संचिट्ठ जा, अहे णं अट्ठ दिसाकुमारीश्रो महत्तरियायो अट्ठ बलिपिंडे गहाय माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स चउसुवि दिसासु चउसुवि विदिसासु बहियाभिमुहीयो श्चिा अट्ट बलिपिंडे गहाय माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जमगसमगं बहियाभिमुहीनो पक्खिवेजा, पभू णं गोयमा ! तो एगमेगे देवे ते अट्ठ बलिपिंडे धरणितलमसंपत्ते खिप्पामेव पडिसाहरित्तए, ते णं गोयमा ! देवा ताए उकिट्ठाए जाव देवगईए लोगंसि ठिचा असभावपट्ठवणाए एगे देवे पुरच्छाभिमुहे पयाए एगे देवे दाहिणपुरच्छाभिमुहे पयाए एवं जाव उत्तरपुच्छाभिमुहे एगे देवे उड्डाभिमुहे एगे देवे अहोभिमुहे पयाए 6 / तेणं कालेणं तेणं समएणं वाससयसहस्साउए दारए पयाए, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पहीणा भवंति नो चेव णं ते देवा अलोयंतं संपाउणंति, तं चेव / तेसि णं देवाणं किं गए बहुए अगए बहुए ?, गोयमा ! नो गए पहुए अगए बहुए गयाउ से अगए अणंतगुणे अगयाउ से गए श्रणंतभागे, अलोए णं गोयमा ! एमहालए पन्नत्ते 8 // सूत्रं 421 // लोगस्स णं भंते / एगंमिश्रागासपएसे जे एगिदियपएमा जाव पंचिदियपएसा अणिंदियपदेसा अन्नमनबद्धा अन्नमन्नपुट्टा जाव अन्नमन्न-समभरघडताए चिट्ठति, अस्थि णं भंते ! अन्नमन्नस्स किंचि श्राबाहं वा वाबाहं वा उप्पायंति अविच्छेदं वा करेंति ?, णो तिणढे समढे 1 / से केण?णं भंते ! एवं बुचइ लोगस्स णं एगंमि भागासपएसे जे एगिदियपएसा जाव चिट्ठति णस्थि णं भंते ! अन्नमन्नम्स किंचि श्रावाह. वा जाव करेंति ?, गोयमा !