________________ बीमव्याख्खापनप्ति (श्रीमद्भगवती) एवं शतक 1.1.1] m काइयं श्राणमंति वा पाणमंति वा जाव नीससंति वा ?, एवं चेष 3 / थाउकाइए णं भंते ! अाउकाइयं चेव श्राणमंति वा जाव नीससंति वा ?, एवं चेव, एवं तेउवाऊवणस्सइकाइयं 4 / तेऊकाइए णं भंते ! पुढविक्काइयं आणमंति वा जाव नीससंति वा ?, एवं जाव वणस्सइकाइए णं भंते ! वणस्सइकाइयं चेव पाणमंति वा जाव नीससंति वा तहेव 5 / पुढविकाइए णं भंते ! पुढविकाइयं चेव आणममाणे वा पाणममाणे वा ऊससमाणे वा नीससमाणे वा कइकिरिए ?, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए 6 / पुढविकाइए णं भंते ! श्राउकाइयं श्राणममाणे वा जाव नीससमाणे वा कइकिरिए ? एवं चेव एवं जाव वणस्सइकाइयं, एवं पाउकाइएणवि सब्वेवि भाणियव्वा, एवं तेउकाइएणवि, एवं वाउकाइएणवि 7 / वणस्सइकाइए णं भंते ! वणस्सइकाइयं चेव श्राणममाणे वा जाव नीससमाणे वा कइकिरिए ? पुच्छा, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए 8 // सूत्रं 312 // वाउकाइए णं भंते ! रुक्खस्स मूलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कतिकिरिए ?, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए 1 / एवं कंदं एवं जाव मूलं बीयं पचालेमाणे वा पुच्छा, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए 2 / सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति जाव विहरति // सूत्रं 363 // नवमं सयं समत्तं // // इति नवमशतके चतुस्त्रिंशत्तम उद्देशकः // 1-34 // // इति नवमं शतकम् // 9 // // अथ दशमशतके दिगाख्य-प्रथमोद्देशकः // दिसि 1 संवुडणगारे 2 श्रायट्ठी 3 सामहत्थि 4 देवि 5 सभा 6 / उत्तर अंतरदीवा 28 दसमंमि सयंमि चोत्तीसा // 1 // रायगिहे जाव एवं