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________________ श्रीमद्न्या च्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सत्र : शतकं 6 :: उ० 33 ] अवट्ठिए णिच्चे, असासए लोए जमाली ! जश्रो श्रोसप्पिणी भवित्ता उस्सप्पिणी भवइ उस्सप्पिणी भवित्ता अोसप्पिणी भाइ, सासए जीवे जमाली ! जं न कयाइ णासि जाव णिच्चे असासए जीवे जमाली जन्नं नेरइए भवित्ता तिरिक्खजोणिए भवइ तिरिक्खजोणिए भवित्ता मणुस्से भवइ मणुस्से भवित्ता देवे भवइ 4 / तए णं से जमाली अणगारे समणस्त भगवश्रो महावीरस्स एवमाइक्खमाणस जाव एवं परूवेमाणस्स एयमट्ठ णो सद्दहइ णो पत्तिएइ णो रोएइ एयमट्ठ असदहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे दोच्चपि समणस्स भगवत्रो महावीरस्स अंतियाो आयाए अवक्कमइ दोच्चंपि धायाए अवकमित्ता बहुहिं असम्भावुभावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च बुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे बहूयाई वासाई सामनपरियागं पाउणइ 2 अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं भूसेइ 2 तीसं भत्ताई श्रणसणाए. छेदेति 2 तस्स ठाणस्स प्रणालोइयपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा लतए कप्पे तेरस-सागरोवम-ठितिएसु देवकिब्विसिएसु देवेसु देवकिदिवसियत्ताए उववन्ने 5 // सूत्रं 387 // तए णं से भगवं गोयमे जमालिं अणगारं कालगयं जाणित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति 2 एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कुसिस्से जमालिणामं श्रणगारे से णं भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किचा कहिं गए कहि उववन्ने ?, गोयमादि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी-एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी कुसिस्से जमाली नाम श्रणगारे से णं तदा मम एवं श्राइक्खमाणस्स 4 एयमटुंणो सद्दहइ 3 एयम४ असदहमाणे 3 दोच्चपि ममं अंतियायो पायाए अवकमइ 2 बहुहिं असम्भावुभावणाहिं तं चेव जाव देवकिन्विसियत्ताए उववन्ने // सूत्र 388 // कतिविहा णं भंते ! देवकिब्विसिया पन्नत्ता ?, गोयमा ! तिविहा देवकिब्विसिया पराणत्ता,
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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