________________ - [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / द्वितीयो विभागः रयणप्पभाए सकरप्पभाए वालुयप्पभाए पंकप्पभाए धूमप्पभाए य होजा 1 ग्रहवा रयणप्पभाए जाव पंकप्पभाए तमाए य होजा 2 ग्रहवा रयणप्पभाए जाव पंकप्पभाए यहेसत्तमाए य होजा 3 ग्रहवा रयणप्पभाए सकरप्पभाए वालुयप्पभाए धूमप्पभाए तमाए य होजा 4 एवं रयणप्पभं अमुयंतेसु जहा पंचराहं पञ्चकसंजोगो तहा भाणियव्यं 15 जाव ग्रहवा रयणप्पभाए पंकप्पभाए जाव अहेसत्तमाए होजा अहवा रयणप्पभाए सकरप्पभाए जाव धूमप्पभाए तमाए य होजा 1 ग्रहवा रयणप्पभाए जाव धूमप्पभाए अहेसत्तमाए य होजा 2. श्रहवा रयणप्पभाए सकरप्पभाए जाव पंकप्पभाए तमाए य अहेसत्तमाए य होजा 3 अहवा रयणप्पभाए सकरप्पभाए वालुयप्पभाए धूमप्पभाए तमाए अहेसत्तमाए होजा 4 अहवा रयणप्पभाए सकरप्पभाए पंकप्पभाए जाव अहेसत्तमाए य होजा 5 अहवा रयणप्पभाए वालुयप्पभाए जाव अहेसत्तमाए होजा 6 श्रहवा रयणप्पभाए य सक्करप्पभाए जाव अहेसत्तमाए य होजा 1 (63) 32 / एयस्स णं भंते ! रयणप्पभा-पुढविनेरइय-पवेसणगस्स सकरप्पभा-पुढवि-नेरइय-पवेसणगस्स जाव अहेसत्तमापुढवि-नेरइय-पवेसणगस्स य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ?, गंगेया ! सव्वत्थोवे अहेसत्तमा-पुढवि-नेरइय-पवेसणए तमापुढवि-नेरइय-पवेसणए असंखेजगुणे एवं पडिलोमगं जाव रयणप्पभा-पुढवि नेरइय-पवेसणए असंखेजगुणे 33 // सूत्रं 373 // तिरिक्खजोणियपवेसणए णं भंते ! कतिविहे पन्नत्ते ?, गंगेया! पंचविहे पन्नते, तंजहा-एगिदिय-तिरिक्खजोणिय-पवेसणए जाव पंचेंदिय-तिरिखणजोणिय-पवेसणए 1 / एगे भंते / तिरिक्खजोणि एतिरिक्खजोणिय-पवेसणएणं पविसमाणे किं एगिदिएसु होजा जाव पंचिदिएसु होजा ?, गंगेया ! एगिदिएसु वा होजा जाव पंचिदिएसु वा होजा 2 / दो भंते ! तिरिक्खजोणिया पुच्छा, गंगेया ! एगिदिएसु वा होजा जाव पंचिंदिएसु वा होजा, हवा एगे