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________________ चारेयत्वा हवा एग रयणप्पभाए जाए दो बानुमत्तमाए श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्र : शतकं 6 : उ० 32] [306 चत्तारि सकरप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा एवं एक्केकाए समं चारेयव्वायो जाव अहवा चत्तारि तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 84, 11 / अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए तिन्नि वालुयप्पभाए होजा एवं जाव ग्रहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए तिन्नि अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होजा एवं जाव ग्रहवा एगे रयणप्पभाए दो सकरप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होजा एवं नाव अवा दो रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए दो अहेसत्तमाएं होजा अहवा एगे रयणप्पभाए तिनि सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए तिन्नि सकरप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा दो रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होजा एवं जाव दो रयणप्पभाए दो सकरप्पभाए एगे अहेसत्तमाए अहवा तिन्नि रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होजा एवं जाव अहवा तिन्नि रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए तिन्नि पंकप्पभाए होजा, एवं एएणं कमेणं जहा चउगहं तियासंजोगो भणितो तहा पंचराहवि तियासंजोगो भाणियब्वो नवरं तत्थ एगो संचारिजइ इह दोनि सेसं तं चेव जाव अहवा तिन्नि धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 210, 12 / अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए दो पंकप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा 4 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए दो वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा एवं जाव अहेसत्तमाए 8, अहवा एगे रयणप्पभाए दो सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा एवं जाव ग्रहवा एगे रयणप्पभाए दो सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 12
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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