________________ 308] [ श्रीमदार्गमसुधासिन्धुः। द्वितीयो विभाग अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा 17 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे आहेसत्तमाए होजा 18 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 11 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 20 अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा 21 एवं जहा रयणप्पभाए उवरिमायो पुढवीश्रो चारियायो तहा सकरप्पभाएवि उवरिमायो चारियव्वायो जाव. अहवा एगे सकरप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 30 ग्रहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकष्यभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा 31 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 32 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाऐ एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 33 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 34 अहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 35, 6 / पंच भंते / नेरइया नेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होजा जाव अहेसत्तमाए होजा ? पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होजा जाव आहेसत्तमाए वा होजा 7, 10 / अहवा एगे रयणप्पभाए चत्तारि सकरप्पभाए होजा जाव अहवा एगे रयणप्पभाए चत्तारि अहेसत्तमाए होजा अहवा दो रयणप्पभाए तिन्नि सकरप्पभाए होजा एवं जाव ग्रहवा दो रयणप्पभाए तिन्नि अहेसत्तमाए होजा अहवा तिन्नि रयणप्पभाए दो सकरप्पभाए होजा एवं जाव अहेसत्तमाए होजा अहवा चत्तारि रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए होजा एवं जाव अहवा चत्तारि रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सकरप्पभाए चत्तारि वालुयप्पभाए होजा एवं जहा रयणप्पभाए समं उवरिमपुढवीयो चारियायो तहा सकरप्पभाएवि समं चारेयव्वाश्रो जाव श्रहवा