________________ भीमव्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवनी) सूत्र : शतकं 8 :: उ०९] [285 तहेव भाणियव्वं 1 / जस्स णं भंते ! श्राहारगसरीरस्स देसबंधे से णं भंते ! ओरालियसरीरस्स किं बंधए अबंधए ? एवं जहा थाहारगसरीरस्स सव्वबंधेणं भणियं तहा देसबंधेणवि भाणियव्वं जाव कम्मगस्स 10 / जस्स णं भंते ! तेयासरीरस्स देमबंधे से णं भंते ! पोरालियसरीररस किं बंधए प्रबंधए ?, गोयमा ! बंधए वा प्रबंधए वा, जइ बंधए कि देसबंधए सव्वबंधए ? गोयमा ! देसबंधए वा सव्वबंधए वा, वेउब्वियसरीरस्स किं बंधए श्रबंधए ? एवं चेव, एवं श्राहारगसरीरस्सवि, कम्मगसरीरस्स किं बंधए अबंधए ? गोयमा ! बंधए नो अबंधए, जइ बंधए किं देसबंधए सव्वबंधए ?, गोयमा ! देसबंधए नो सव्वबंधए 11 / जस्स णं भंते ! कम्मगसरीरस्स देसबंधे से णं भंते ! ओरालियसरीरस्स जहा तेयगस्स वत्तव्वया भणिया तहा कम्मगस्सवि भाणियव्वा जाव तेयासरीरस्स जाव देसबंधए नो सव्वबंधए 12 // सूत्रं 352 // एएसि णं भंते ! सव्वजीवाणं श्रोरालियवेउब्विय-पाहारग-तेयाकम्मासरीरगाणं देसबंधगाणं सव्वबंधगाणं बंधगाण य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा श्राहारगसरीरस्स सव्वबंधगा 1 तस्स चेव देसबंधगा संखेजगुणा 2 वेउब्वियसरीरस्स सव्वबंधगा असंखेजगुणा 3 तस्स चेव देसबंधगा असंखेजगुणा 4 तेयाकम्मगाणं दुराहवि तुल्ला प्रबंधगा श्रणंतगुणा 5 श्रोरालियसरीरस्स सव्वबंधगा अणंतगुणा 6 तस्स चेव श्रबंधगा विसेसाहिया 7 तस्स चेव देसबंधगा असंखेजगुणा 8 तेयाकम्मगाणं देसबंधगा विसेसाहिया 1 वेउ. ब्वियसरीरस्स अबंधगा विसेसाहिया 10 श्राहारगसरीरस्स श्रबंधगा विसेसाहिया 11 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरति // सूत्रं 353 // थट्टमसयस्स नवमो उद्देसो समत्तो॥ // इति अष्टमशतके नवम उद्देशकः // 8-9 //