________________ श्रीमद्व्याल्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्रं : शतकं 8:: उ० 5 ] [ 255 कायसा 18, श्रवा न कारवेति करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा 11, 7 / दुविहं एकविहेणं पडिकममाणे न करेति न कारवेति मणसा 20, ग्रहवा न करेति न कारवेति वयसा 21, अहवा न करेति न कारवेति कायसा 22, अहवा न करेति करेंतं नाणुजाणइ मणसा 23, अहवा न करेइ करेंतं नाणुजाणइ वयसा 24, ग्रहवा न करेइ करेंतं नाणुजाणइ कायसा 25, अहवा न कारवेइ करेंतं नाणुजाणइ मणसा 26, श्रहवा न कारवेइ करेंतं नाणुजाणइ वयसा 27 हवा न कारवेइ करेंतं नाणुजाणइ कायसा 28, 8 / एगविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेति मणसा वयसा कायसा 21, अहवा न कारवेइ मणसा वयसा कायसा 30, अहवा करेंतं नाणुजाणति मणसा 3, 31, 1 / एकविहं दुविहेणं पडिकममाणे न करेति मणसा वयसा 32, अहबा न करेति मणसा कायसा 33, अहवा न करेइ वयसा कायसा 34, अहवा न कारवेति मणसा वयसा 35, अहवा न कारवेति मणसा कायसा ३६,अहवा न कारवेइ वयसा कायसा 37, अहवा करेंतं नाणुजाणति मणसा वयसा 38, ग्रहवा करेंतं नाणुजाणति मणसा कायसा 36, अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा 40, 10 / एकविहं एगविहेणं पडिकममाणे न करेति मणसा 41, अहवा न करेति वयसा 42, अहवा न करेति कायसा 43, हवा न कारवेति मणसा 44, अहवा न कारवेति वयसा 45, अहवा न कारवेइ कायसा 46, ग्रहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा 47 अहवा करेंतं नाणुजाणति वयसा 48 अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा 41, 11 / पडुप्पन्नं संवरेमाणे किं तिविहं तिविहेणं संवरेइ ?, एवं जहा पडिकममाणेणं एगणपन्नं भंगा भणिया एवं संवरमाणेणवि एगणपन्नं भंगा भाणियव्वा 12 / अणागयं पञ्चक्खमाणे किं तिविहं तिविहेणं पञ्चक्खाइ ? एवं ते चेव भंगा एगणपन्ना भाणियव्वा जाव अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा 13 / समणोवासगस्त णं भंते ! पुवामेव थूलमुसावाए