________________ 250 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः द्वितीयो विभागः परिगए भावे जाणइ पासइ 6 / सुयअन्नाणस्स णं भंते ! केवतिए विसए पराणत्ते ? गोयमा ! से समासो चउबिहे पराणत्ते, तंजहा-दव्यत्रो 4, दबयो णं सुयअन्नाणी सुययन्नाणपरिगयाइं दवाइं श्राघवेति पनवेति परूवेइ, एवं खेत्तयो कालो, भावो णं सुयबन्नाणी सुयअन्नाणपरिगए भावे अाघवेति तं चेव 7 / विभंगणाणस्स णं भंते ! केवतिए विसए पराणते?, गोयमा ! से समासयो चउविहे पराणत्ते, तंजहा-दवो 4, दव्वश्रो णं विभंगनाणी विभंगनाणपरिगयाइंदव्वाई जाणइ पासइ, एवं जाव भावो णं विभंगनाणी विभंगनाणपरिगए भावे जाणइ पासइ 8 // सूत्रं 322 // णाणी णं भंते ! गाणीति कालो केवचिरं होइ ?, गोयमा ! नाणी दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-साइए वा अपज्जवसिए, साइए वा सपजवसिए, तत्थ णं जे से साइए सपजवसिए से जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उकोसेणं छावढि सागरोवमाई सातिरेगाई 1 / श्राभिणिबोहियणाणी णं भंते ! अाभिणिबोहियणाणीवि कालयो केवचिरं होइ ? एवं नाणी श्राभिणियोहियनाणी जाव केवलनाणी 2 / अन्नाणी मझ्यन्नाणी सुयअन्नाणी विभंगनाणी, एएसिं दसराहवि संचिट्ठणा जहा कायठिईए 3 / अंतरं. सव्वं जहा जीवाभिगमे 4 / अप्पाबहुगाणि तिनि जहा बहुवत्तव्वयाए 5 / केवतिया णं भंते ! याभिणियोहियणाणपज्जवा पराणता ?, गोयमा ! अणंता ग्राभिणिबोहियणाण-पजवा पराणत्ता 6 / केवतिया णं भंते ! सुयनाणपजवा पराणत्ता ? एवं चेव एवं जाव केवलनाणस्स 7 / एवं मइयन्नाणस्स सुयबन्नाणस्स, केवतिया णं भंते ! विभंगनाणपजवा पराणत्ता ?, गोयमा ! अणंता विभंगनाणपजवा पराणत्ता 8 / एएसि णं भंते ! श्राभिणियोहियनाणपजवाणं सुयनाणपजवाणं श्रोहिनाणपजवाणं मणपजवनाणपजवाणं केवलनाणपजवाणं य कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा.?, गोयमा ! सव्वत्थोवा मणपजवनाणपजवा योहिनाणपजवा अणंतगुणा सुयनाणपजवा अणंतगुणा श्राभिणि