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________________ भीमव्याख्याप्रज्ञप्ति (भीमद्भगवती) स्त्रं शतर्क 8 .1] [26 मणुस्स-पंचिंदिय-पयोगपरिणया ते पोरालियतेयाकम्मासरीर जाव परिणया, एवं गम्भवक्कंतियावि अपजत्तगावि पजत्तगावि एवं चेव, नवरं सरीरगाणि पंच भाणियब्बाणि, जे अपजत्ता असुरकुमारभवणवासि जहा नेरइया तहेव एवं पजत्तगावि, एवं दुयएणं भेदेणं जाव थणियकुमारा एवं पिसाया जाव गंधया चंदा जाव ताराविमाणा, सोहम्मो कप्पो जाव अच्चुयो, हेट्ठिम 2 गेवेज जाव उवरिम 2 गेवेन्ज, विजयश्रणुत्तरोववाइए जाव सब्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइए, एक्कक्केणं दुयश्रो भेदो भाणियबो जाव जे पजत्तसव्वट्टसिद्धश्रणुत्तरोववाझ्या जाव परिणया ते वेउब्बिय-तेयाकम्मा-सरीरपयोगपरिणया, दंडगा, 3, 35 / जे अपजत्ता सुहुमपुढबिकाइय-एगिदियपयोगपरिणता ते फासिंदिय-पयोगपरिणया, जे पजत्ता सुहुमपुढविकाइया एवं चेव, जे श्रपजत्ता बादरपुढविकाइया एवं चेव, एवं पजत्तगावि, एवं चउकएणं भेदेणं जाव वणस्सइकाइया, जे अपजत्ता बेइंदियपयोगपरिणया ते जिभिदिय-फासिंदिय-पयोगपरिणया, जे पजत्ता बेइंदिया एवं चेव, एवं जाव चरिंदिया नवरं एककेक्कं इंदियं वड्ढ यवं जाव अपजत्ता रयणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदिय–पयोगपरिणया ते सोइंदिय-चक्खिदिय-पाणिंदिय-जिभिदियफासिदिय-पयोगपरिणया एवं पजत्तगावि, एवं सब्वे भाणियव्वा, तिरिक्खजोणियमणुस्सदेवा जे पजत्ता सव्वट्ठसिद्ध-श्रणुत्तरोक्वाइय जाव परिणया ते सोइंदिय-चक्खिदिय जाव परिणया दंडगा 4, 36 / जे अपजत्ता सुहुमपुटविकाइय-एगिदिय-श्रोरालिय-तेयकम्मासरीरप्पयोगपरिणया ते फासिदियपयोगपरिणया, जे पजत्ता सुहुम जाव परिणया एवं चेव बादर. पुढविकाइय जाव परिणया अपजत्ता एवं चेव, एवं पजत्तगावि, एवं एएणं अभिलावेणं जस्स जइंदियाणि सरीराणि य ताणि भाणियवाणि जाव जे य पजत्ता सव्वट्ठसिद्ध-अणुत्तरोववाइय जाव देवपंचिंदिय-वेउन्विय-तेयाकम्मासरीरपयोगपरिणया ते सोइंदियचक्खिदिय जाव फासिंदियपयोगपरिणया
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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