________________ श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमनगवनी) सूर्य : शतकं 8 : उ०१] [227 कप्पोववन्नगवेमाणिया 20 / कप्पातीतवेमाणिया पुच्छा, गोयमा ! दुविहा पराणत्ता, तंजहा-गेवेजकप्पातीत-वेमाणिया अणुत्तरोववाइय-कप्पातीत वेमाणिया, 21 / गेवेजकप्पातीतगा नवविहा परणत्ता, तंजहा-हेट्टिम 2 गेवेजगकप्पातीतग-वेमाणिया जाव उपरिम 2 गेविजगकप्पातीयगवेमाणिया 22 / अणुत्तरोवाइय-कपातीतग-वेमाणिय-देवपंचिंदिय-पयोगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पराणत्ता ?, गोयमा ! पंचविहा पराणत्ता, तंजहा-विजयप्रणुत्तरोववाइयदेव-पंचिंदिय-पयोगपरिणया जाव सवट्टसिद्ध-अणुत्तरोववाइय-देवपंचिंदिय-पयोगपरिणया 23 / सुहुमपुढविकाइयएगिदिय-पयोगपरिणया गणं भंते ! पोग्गला. कइविहा पराणत्ता ?, गोयमा ! दुविहा पराणत्ता, [केई अपज्जत्तगंपटमं भणंति पच्छा पजत्तगं,तंजहा-पजत्तग- :: सुहुम-पुढविकाइय-एगिदिय-पयोगपरिणया. य अपजत्त-सुहुम--पुढविकाइयएगिदिय-पयोग-परिणया य 24 / बादरपुदविकाइय-एगिदिय-पयोगपरिणया एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइया, एक्केका दुविहा पोग्गला-सुहुमा य बादरा य पजत्तगा अपजत्तगा य भाणियन्वा 25 / ३दियपयोगपरिणया णं पुच्छा, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पजत्त बेंदिय-पयोगपरिणया य अपजतग-दिय-पयोग-परिणया य, एवं तेइंदियावि एवं चरिंदियावि 26 / रयणप्पभापुढविनेरइयपयोगपरिणया पुच्छा, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पजत्तग-रयणप्पभा-पुढविनेरइय-पयोगपरिणया य अपजत्तगरयणप्पभा-पुढविनेरइय-पयोगपरिणया य, एवं जाव अहेसत्तमा 27 / संमुच्छिम-जलयरतिरिक्ख पुच्छा, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पजत्तगसंमुच्छिम-जलयर-तिरिक्ख-जोणिय-पंचिंदिय-पयोग-परिणया अपजत्तग-संमु. च्छिम-जलयर-तिरिक्ख-जोणिय-पंचिंदिय-पयोग-परिणया, एवं गभवक्कंतियावि, संमुच्छिम-वउप्पयथलयरा एवं चेव गभवस्कतिया य, एवं जाव संमुच्छिम-खहयर-गब्भवक्कंतिया य एक्केक्के पजत्तगा य अपजत्तगा य संमुम-जलयरतिरिक्स पापारणया य, एवं नागपरिणया य थपडावहा