________________ 4 // [ श्रीमदागमसुधासिन्धु / द्वितीयो विभागः निजिन्ना / उयट्टण-संकामण-निहत्तण-निकायणे तिविह कालो ॥१॥सू० 12 // नेरइयाणं भंते ! जे पोग्गले तेयाकम्मत्ताए गेराहंति ते कि तीतकालसमए गेगहंति ? पडुप्पन्नकालसमए गेराहंति ? अणागयकाल समए गेराहंति ?, गोयमा ! नो तीयकालसमए गेराहंति पडुप्पन्नकालसमए गेरहंति नो अणागयकालसमए गिरहंति ।नेरइयाणं भंते ! जे पोग्गला तेयाकम्मत्ताए गहिए उदीरेंति ते किं तीयकालसमयगहिए पोग्गले उदीरेंति पडुप्पन्नकालसमए घेप्पमाणे पोग्गले उदीरेंति गहणसमयपुरक्खडे पोग्गले उदीरेंति ?, गोयमा ! अतीयकालसमयगहिए पोग्गले उदीरेंति नो पडुप्पन्नकालसमए घेप्पमाणे पोग्गले उदीरेंति नो गहणसमयपुरक्खडे पोग्गले उदीरेंति 2 / एवं वेदेति 3 / निजरेंति 4 // सू० 13 // नेरइयाणं भंते ! जीवाश्रो कि चलियं कम्मं बंधति अचलियं कम्मं बंधंति ?, गोयमा ! नो चलियं कम्म बंधति अवलियं कम्मं बंधति 1 / नेरझ्याणं भंते ! जीवायो किं चलियं कम्मं उदीरेंति अचलियं कम्मं उदीरेंति ?, गोयमा ! नो चलियं कम्म उदीरेंति अवलियं कम्म उदीरेंति 2 / एवं वेदेति 3 उयोति 4 / संकाति '5 / निहत्तेति 6 / निकायेंति, सब्वेसु अचलियं नो चलियं 7 / नेरझ्याणं भंते ! जीवायो किं चलियं कम्मं निजरेंति अचलियं कम्मं निजरेंति ?, गोयमा ! चलियं कम्मं निजरेंति नो अचलियं कम्मं निजरेंति 8 | गाहा = बंधोदय-वेदोयट्ट-संकमे तह निहत्तणनिकाये / श्रचलियं कम्मं तु भवे चलियं जीवाउ निजरए॥ 1 // सू० 14 // एवं ठिई आहारो य भाणियब्वो, ठिती-जहा ठितिपदे तहा भाणियव्वा, सव्वजीवाणं श्राहारोऽवि जहा पनवणाए पढमे श्राहारुद्द सए तहा भाणियव्यो, एत्तो थाढत्तो-नेरइयाणं भंते ! थाहारट्ठी ? जाव दुक्खत्ताए भुजो भुजो परिणमंति, गोयमा ! 1 / असुरकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पराणत्ता ?, जहन्नेणं दस वाससहस्साई उकोसेणं सातिरेगं सागरोवमं, असुरकुमाराणं भंते ! केवइयं