________________ 172 ] .... [श्रीमदानमसुधासिन्धुः / द्वितीयो विमाना नोपरित्तो न बंधइ 10 / णाणावरणिज्ज कम्मं किं आभिणिबोहियनाणी बंधइ सुयनाणी श्रोहिनाणी मणपजवनाणी केवलनाणी बंधड ?, गोयमा ! हेट्ठिला चत्तारि भयणाए केवलनाणी न वंधइ, एवं वेदणिजवजाश्रो सत्तवि वेदणिज्ज हेछिल्ला चत्तारिबंधंति केवलनाणी भयणाए 11 / णाणावरणिज्ज कि मतिअन्नाणी बंधइ सुयअन्नाणी बंधइ ? विभंगनाणी बंधइ ?, गोयमा ! (सव्वेवि) बाउगवजायो सत्तवि बंधति, पाउगं भयणाए 12 / माणावरणिज्जं कि मणजोगी बंधइ वयजोगी बंधइ कायजोगी बंधइ अजोगी बंधइ ? गोयमा ! हेट्ठिला तिन्नि भयणाए अजोगी न बंधइ, एवं वेदणिजवजारो, वेदणिज्ज हेटिला बंधति अजोगी न बंधइ 13 / णाणावरणिज्जं किं सागारोवउत्ते बंधइ अणागारोवउत्ते बंधइ ?, गोयमा ! अट्ठसुवि भयणाए 14 / णाणावरणिज्ज किं श्राहारए बंधइ अणाहारए बंधइ ?, गोयमा ! दोवि भयणाए, एवं वेदणिजाबाउगवजाणं छगह, वेदणिज्ज अाहारए बंधति श्रणाहारए भयणाए, ग्राउए श्राहारए भयणाए, अणाहारए न बंधति 15 / णाणावरणिज्जं कि सुहुमे बंधइ बायरे बंधइ नोसुहुमेनोबादरे बंधइ ?, गोयमा ! सुहुमे बंधइ बायरे भयणाए नोसुहुमेनोबादरे न बंधइ, एवं थाउगवजायो सत्तवि, श्राउए सुहुमे बायरे भयणाए नोसुहुमेनोबायरे ण बंधइ 16 / णाणावरणिज्जं किं चरिमे अचरिमे बंधइ ?, गोयमा ! अट्ठवि भयणाए 17 // सूत्रं 237 // एएसि णं भंते ! जीवाणं इत्थिवेदगाणं पुरिसवेदगाणं नपुंसगवेदगाणं अवेयगाण य कयरे 2 अप्पा वा 4?, गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा पुरिसवेदगा इत्थिवेदगा संखेजगुणा अवेदगा अणंतगुणा नपुंसगवेदगा अणंतगुणा 1 / एएसि सव्वेसि पदाणं अप्पबहुगाई उच्चारेयव्वाइं जाव सव्वत्थोवा जीवा अचरिमा चरिमा अणंतगुणा 2 / सेवं भंते ! से भंते ! ति जाव विहरति 3 // सूत्र 238 // छट्टसए तइत्रो उद्दे सो समत्तो॥ // इति पहशतके तृतीय उद्देशकः // 6-3 //