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________________ गणधरवरश्रीमत्सुधर्मस्वामिप्रणीतं // श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति-सूत्रम् // (श्रीमद्भगवति-सूत्रम्) // 1 // अथ प्रथमशतके चलनाख्य-प्रथमोद्देशकः // णमो अरि(र,रु)हंताणं गमो सिद्धाणं णमो पायरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो (लोए) सव्वसाहूणं ॥सू० 1 // मो बंभीए लिवीए॥सू० 2 // रायगिह चलण दुक्खे कखपत्रोसे य पगइ पुढवीत्रो / जावंते नेरइए वाले गुरुए य चलणाश्रो // 1 // नमो सुयस्स // सू० 3 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे होत्या, वराणो, तस्स णं रायगिहस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए गुणसिलए नामं चेइए होत्था, सेणिए राया, चेलणा देवी // सू० 4 // ते णं काले णं ते णं समए णं समणे भगवं महावीरे श्राइगरे तित्थगरे सहसंबुद्धे पुरिसुत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थीए लोगुत्तमे लोगनाहे लोगप्पदीवे लोगपजोयगरे अभयदए चक्खुदए मग्गदए सरणदए धम्मदेसए (धम्मदए) धम्मसारहीए धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी अप्पडिहयवरनाणदंसणधरे वियट्टछउमे जिणे जाणए बुद्धे बोहए मुत्ते मोयए सव्वन्नू सव्वदरिसी सिव-मयल-मस्य-मणंत-मक्खयमवाबाह-मपुणरावत्तयं सिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपाविउकामे जाव समोसरणं // सू० 5 // परिसा निग्गया, धम्मो कहियो, परिसा पडिगया ॥सू० 6 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवश्रो महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूती नामं अणगारे गोंयमसगोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंस-संगणसंठिए वजरिसह-नारायसंघयणे कणगपुलग-णिहस-पम्हगोरे उग्गतवे दित्ततवे तत्ततवे.
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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