________________ 148 ] - - ( श्रीमदागमसुधासिन्धु : द्वितीयो विभागः असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता एवं खलु जीवा दीहाउयत्ताए कम्म पकरेंति 2 / कहन्नं भंते ! जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति ?, गोयमा ! पाणे अइवाइत्ता मुसं वइत्ता तहारूवं समणं वा माहणं वा हीलित्ता निंदित्ता खिसित्ता गरहित्ता अवमन्नित्ता अन्नयरेणं अमान्नेणं अपीतिकारेणं असणपाणखाइमसाइनेणं पडिलाभत्ता एवं खलु जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति 3 / कहन्नं भंते ! जीवा सुभदीहाउयताए कम्मं पकरेंति ?, गोयमा ! नो पाणे अइवाइत्ता नो मुमं वइत्ता तहारूवं समणं वा माहणं वा वंदित्ता नमंसित्ता जाव पज्जुवासिता अन्नयरेणं मणुन्नेणं पीइकारएणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभत्ता एवं खनु जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति 4 // सूत्रं 204 // गाहावइस्स भंते ! भंडं विकिणमाणस्स केइ भंडं अवहरेजा ? तस्स णं भंते ! तं भंडं अणुगवेसमाणस्स किं ग्रारंभिया किरिया कजई परिग्गहिया किरिया कजइ ? मायावत्तिया किरिया कन्जइ ? अपञ्चखाणिया किरिया कन्जइ ? मिच्छादसणवत्तिया किरिया कजइ ?, गोयमा ! प्रारंभिया किरिया कजइ परिग्गहिया मायावत्तिया अपचक्खाणिया मिच्छादंसणकिरिया सिय कजइ सिय नो कजइ 1 / अह से भंडे अभिपमन्नागए भवति, तो से पच्छा सव्वायो तायो पयणुईभवंति 2 / गाहावतिस्स णं भंते ! तं भंडं विकिणमाणस्स कतिए भंडे सातिज्जेजा ?, भंडे य से अणुवणीए सिया, गाहावतिस्स णं भंते ! तायो भंडायो कि प्रारंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादसणकिरिया कन्जइ ? कझ्यस्त वा तायो भंडायो कि प्रारंभिया किरिया कजइ जाव मिच्छादसणकिरिया कन्जइ ?, गोयमा ! गाहावइस्स तायो भंडायो प्रारंभिया किरिया कन्जइ जाव अपञ्चक्खाणिया मिच्छादंसणवत्तिया किरिया सिय कन्जइ सिय नो कजइ. कतियस्स णं ताश्रो सव्वायो पयणुईभवंति 3 / गाहावतिस्स णं भंते ! भंडं विकिणमाणस्स