________________ भीमत्स्थानाङ्गसूत्रम् :: अध्ययनं 4 ] [ 331 णो परंतकरें 4, 2 / चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा-श्रातंतमे नाममेगे नो परंतमे (ह) 4,3 / चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा-श्रायंदमे नाममेगे णो परंदमे 4,4 ॥सू. 287 // चउविधा गरहा पन्नत्ता तंजहा-उवसंपज्जामित्तेगा गरहा, वितिगिच्छामित्तेगा गरहा जंकिंचिंमिच्छामीत्तेगा गरहा, एवंपि पन्नत्तेगा गरहा ॥सू. 288 // चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा-अप्पणो नाममेगे अलमंथू भवति णो परस्स, परस्स नाममेगे अलमंथू भवति णो अपणो, एगे अप्पणोऽवि अलमंथू भवति परस्सवि, एगे नो अप्पणो अलमंथू भवति णो परस्स 1 / चत्तारि मग्गा पन्नत्ता तंजहा—उज्जू नाममेगे उज्जू (उन्गूमणे), उज्जू नाममेगे वंके, वंके नाममेगे उज्जू, वंके नाममेगे वैके 2 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहाउज्जू नाममेगे उज्जू 4,3 / चत्तारि मग्गा पन्नत्ता तंजहा-खेमे नाममेगे खेमे, खेमे णाममेगे अखेमे, ह (4), 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा-खेमे णाममेगे खेमे, ह (4), 5 / चत्तारि मग्गा पनत्ता तंजहा-खेमे णाममेगे खेमरूवे. खेमे णाममेगे अखेमरूवे 4, 6 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा--खेमे नाममेगे खेमरूवे 4, 7 / चत्तारि संबुक्का पन्नत्ता तंजहा-बामे नाममेगे वामावत्ते, वामे नाममेगे दाहि. णावत्ते, दाहिणे नाममेगे वामावत्ते, दाहिणे नाममेगे दाहिणावत्ते 8 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा-वामे नाममेगे,वामावत्ते ह(४) चत्तारि धूमसिहायो पनत्तायो तंजहा--वामा नाममेगा वामावत्ता 4,10 / एवामेव चत्तारित्थीयो पत्नत्तानो तंजहा-वामा णाममेगा वामावत्ता 4, 11 / चत्तारि अग्गिसिहायो पन्नत्तायो तंजहा-वामा णाममेगा वामावत्ता, (ह) 4, 12 / एवामेव चत्तारित्थीयो पन्नत्तानो तंजहा-वामा णाम (ह) 4, 13 / चत्तारि वायमंडलिया पन्नत्ता तंजहा-वामा णाममेगा वामावत्ता 1, 14 / एवामेव चत्तारित्थीयो पन्नत्तायो तंजहा-वामा णाममेगा वामावत्ता